Banke Bihari Mandir Live: 54 साल बाद खुला बांके बिहारी मंदिर का तहखाना, सोने की 1 और चांदी की 3 छड़ियां... और पूरा तहखाना खाली?
punjabkesari.in Sunday, Oct 19, 2025 - 07:40 PM (IST)
Banke Bihari Mandir Live: श्री बांके बिहारी मंदिर के 54 वर्षों से बंद पड़े तहखाने को खोलने की कार्यवाही के दूसरे दिन भी चौंकाने वाले खुलासे हुए। जहां लोगों को उम्मीद थी कि मंदिर के तहखाने से भारी मात्रा में आभूषण, धातु और ऐतिहासिक वस्तुएं मिलेंगी, वहीं वहां से केवल कुछ सिक्के, तीन चांदी की छड़ियां और एक सोने की छड़ी ही बरामद हुई है। बाकी पूरा तहखाना खाली मिला है।
क्या मिला तहखाने में? Banke Bihari Mandir Live
दूसरे दिन की जांच के बाद हाई पावर्ड कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने जानकारी दी कि
एक तिजोरी में 1942 के तांबे के दो सिक्के/Banke Bihari Mandir Live
- एक अन्य तिजोरी में पुराने सिक्के
- एक बक्से में 3 चांदी की छड़ियां और 1 सोने की छड़ी (जिस पर गुलाल लगा था
कुछ पुराने बर्तन/ Banke Bihari Mandir Live
- एक लकड़ी का सिंहासन और खाली ज्वेलरी बॉक्स
- इसके अतिरिक्त तहखाने के निचले कमरे में कोई भी वस्तु नहीं मिली। कमेटी ने इन सभी वस्तुओं का फोटोग्राफिक डॉक्यूमेंटेशन और इन्वेंट्री सूची तैयार कर ली है।
कहां गया खजाना? उठे सवाल/ Banke Bihari Mandir Live
54 साल बाद खोले गए इस तहखाने से बहुमूल्य खजाना नहीं मिलने पर कई सवाल उठने लगे हैं। दिनेश गोस्वामी ने कहा, "जिन संदूकों में पहले आभूषण और कीमती धातुएं होने की बात कही जाती थी, वे अब खाली मिले हैं। यह गंभीर मामला है और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।" उन्होंने बताया कि अगली कमेटी बैठक में वह इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे और औपचारिक जांच की मांग करेंगे।
1971 में आखिरी बार खुला था खजाना/ Banke Bihari Mandir Live
मंदिर का यह तहखाना 1971 में आखिरी बार खोला गया था, जब खजाने का सामान निकाल कर भारतीय स्टेट बैंक के लॉकर में रखा गया था। इसके बाद से यह तहखाना बंद ही रहा। 54 वर्षों के बाद जब इसे खोला गया, तो लोहे के चार संदूक में से केवल दो खोले गए, जिनमें ज्यादातर खाली बॉक्स मिले। एक लकड़ी के संदूक से भी खाली आभूषण बॉक्स बरामद हुए, जिससे खजाने की "गायब" स्थिति पर संदेह और गहरा हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हुई कार्यवाही/ Banke Bihari Mandir Live
यह जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी हाई पावर्ड कमेटी की देखरेख में हो रही है। मंदिर प्रबंधन से जुड़ी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस प्रक्रिया की शुरुआत की गई थी। स्थानीय गोस्वामी समाज ने तहखाना खोलने का विरोध किया था, लेकिन कोर्ट के निर्देशों के चलते कार्यवाही जारी रही।

