Behmai Case: कानपुर देहात जेल में बंद इकलौते आरोपी पोसा की मौत, फूलन देवी के साथ मिलकर की थीं 20 हत्याएं
punjabkesari.in Tuesday, Apr 11, 2023 - 11:38 PM (IST)

कानपुर: दस्यु फूलन देवी (Dasyu Phoolan Devi) से जुड़े बेहमई कांड (Behmai Case) के 80 वर्षीय आरोपी पोसा (Accused Posa) की कानपुर देहात की जेल (Kanpur Dehat Jail) में मौत (Dead) हो गई। लंबे समय से बीमार रहा पोसा इस मामले में जेल में बंद एकमात्र अभियुक्त था।
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कानपुर देहात जिला कारागार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 14 फरवरी 1981 को हुए बेहमई नरसंहार के आरोपी पोसा की सोमवार रात मौत हो गई। इस कांड में दस्यु फूलन देवी और उसके गिरोह ने 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अधिकारी ने बताया कि पोसा दिसंबर 2016 में कानपुर देहात जिला जेल आया था और वह क्षय रोग (टीबी) से पीड़ित था। पोसा को करीब 4 साल पहले अदालत से जमानत मिल गई थी, लेकिन जमानत राशि नहीं चुका पाने की वजह से वह जेल से बाहर नहीं आ सका था और वह बेहमई कांड मामले में जेल में बंद इकलौता अभियुक्त था।
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पुलिस महानिदेशक (कारागार) सत्य नारायण साबत ने बताया कि पोसा को शुरू में जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों को जालौन में पोसा के परिवार के सदस्यों को सूचित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार करने के लिए शव उन्हें सौंपा जा सके।
गौरतलब है कि 14 फरवरी 1981 को कथित तौर पर डकैत फूलन देवी और उसके गिरोह ने बेहमई गांव में 20 पुरुषों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस सामूहिक हत्याकांड के वर्षों बाद फूलन देवी ने आत्मसमर्पण कर दिया था। वर्ष 1994 में प्रदेश की तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार ने फूलन देवी के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस ले लिए थे। वर्ष 1996 में वह उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद भी चुनी गई थीं। नई दिल्ली में 25 जुलाई 2001 को फूलन देवी की उनके सरकारी आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बेहमई कांड मामले के 23 आरोपियों में से फूलन देवी समेत 18 अब जीवित नहीं रहे जबकि श्याम बाबू और एक अन्य जमानत पर बाहर हैं। तीन अन्य आरोपी मानसिंह, रामकेश और विश्वनाथ फरार हैं। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है।
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