कैसरगंज में कायम है बेनी बाबू का रिकॉर्ड, जानिए एक ही पार्टी से लगातार कितने बार जीता चुनाव?

punjabkesari.in Saturday, Apr 27, 2024 - 04:26 PM (IST)

बहराइच: कैसरगंज सीट कई ऐतिहासिक पलों को सजाए हुए हैं। दिवंगत बेनी प्रसाद वर्मा की बेटी गोंडा से चुनाव लड़ रही है,लेकिन चर्चा बेनी प्रसाद वर्मा की न हो इसके बिना लोक सभा चुनाव अधूरा है। बहराइच के कैसरगंज सीट से बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी से निरंतर चार बार चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई। इसी सीट से बेडनानापुर की राजमाता ने भी स्वतंत्र पार्टी से जीत दर्ज की थी। बेनी बाबू ने लगातार एक ही पार्टी से जीत का जो रिकार्ड बनाया वह अभी तक कायम है, मौजूदा सांसद हालाकि यहां से लगातार तीन बार जीत चुके हैं लेकिन उनको यह सफलता एक बार सपा और दो बार भाजपा के सहारे मिली है, और इस बार अभी तक भाजपा से उनके प्रत्याशी बनाए जाने पर ऊहापोह कि स्थिति है, ऐसे में अभी बेनी बाबु का रिकार्ड टूटता नजर नहीं आ रहा है। 



स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा ने चार बार लगातार लोकसभा चुनाव जीतकर कायम किया रिकार्ड
बहराइच जिले के कैसरगंज सीट में कैसरगंज और पयागपुर विधानसभा के साथ गोंडा जिले की तीन विधान सभा क्षेत्र की सीट शामिल है। कैसरगंज से अभी किसी भी पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। लेकिन इस सीट की प्रदेश और देश में अलग ही पहचान है। इस सीट से बाराबंकी जिला निवासी स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा ने चार बार लगातार लोकसभा चुनाव जीतकर रिकार्ड कायम किया है। बेनी प्रसाद वर्मा समाज वादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और मुलायम सिंह यादव के पुराने साथी थे। कुर्मी और क्षत्रिय बाहुल्य सीट पर समाजवादी पार्टी ने वर्ष 1996 में बेनी प्रसाद वर्मा को कैसरगंज सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया। बेनी प्रसाद वर्मा को जनता ने सिर आंखों पर बैठाते हुए जीत दर्ज कराई। इसके बाद बेनी प्रसाद वर्मा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर वर्ष 1998, 1999 और वर्ष 2004 में हुए चुनाव में भी जीत दर्ज की। इसके बाद सपा ने वर्ष 2009 के चुनाव में बृज भूषण शरण सिंह को टिकट दिया। उन्होंने भी जीत दर्ज किया। इस सीट से महसी तहसील के बेडनापुर राज घराने की माता बसंत कुंवर बा ने भी वर्ष 1962 में हुए चुनाव में स्वतंत्र पार्टी से जीत दर्ज की थी।

समाजवादी पार्टी से कर लिया था किनारा
2008 में मुलायम से नाराज होकर बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी से किनारा कर लिया था। बेनी प्रसाद वर्मा अपने बेटे के लिए 2007 के लोकसभा चुनाव में टिकट चाहते थे, लेकिन अमर सिंह की वजह से बेनी के बेटे राकेश वर्मा को टिकट नहीं मिल पाई। इसी वजह से नाराज बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी और समाजवादी क्रांति दल बनाया। इसके बाद 2008 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए।

केंद्रीय मंत्री बने बेनी बाबू
बाराबंकी जिला निवासी स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा को लोग प्यार से बाबू जी के नाम से पुकारते हैं। बेनी प्रसाद वर्मा ने लगातार चार बार कैसरगंज सीट से चुनाव जीता इसके बाद उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में गोंडा से भी जीत दर्ज की। केंद्र में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था।

भाजपा लगा सकती है जीत की हैट्रिक
कैसरगंज के वर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने वर्ष 2009 के चुनाव में समाजवादी पार्टी से जीत दर्ज की थी इसके बाद उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से जीत दर्ज की। भाजपा के प्रत्याशी ने अगर इस बार जीत दर्ज की तो पार्टी की हैट्रिक हो जाएगी। बृजभूषण शरण सिंह उत्तर प्रदेश के गोंडा में रहने वाले दबंग नेता हैं और पूर्वांचल की राजनीति में उनकी अच्छी पकड़ है। यूपी की कैसरगंज लोकसभा से वर्तमान में वह सांसद हैं और 6 बार लोकसभा सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। बृजभूषण की छवि एक कट्टर हिंदूवादी के नेता के तौर पर मानी जाती है। बृजभूषण को किशोरावस्था से ही कुश्ती करने का शौक था और स्थानीय स्तर पर कुश्ती लड़ने जाते थे। आगे चलकर बृजभूषण ने छात्र राजनीति से अपने सियासी करियर की शुरूआत की। 1991 में राम मंदिर के आंदोलन के दौरान उन्हें भाजपा की ओर लोकसभा का टिकट मिला और उन्होंने जीत दर्ज की।


 


 

Content Writer

Ajay kumar