नकली समाजवादियों से सावधान, पिता का आशीर्वाद हमारे साथ: अखिलेश

punjabkesari.in Sunday, Sep 24, 2017 - 09:39 AM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के दोनों धड़ों में जारी रस्साकशी के बीच दल के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्त्ताओं को नकली समाजवादियों से सावधान रहने की हिदायत देते हुए कहा कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद उनके साथ बना रहेगा और वह उनके आंदोलन को ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।

अखिलेश ने सपा के 8वें प्रान्तीय अधिवेशन में कहा कि समाजवादी पार्टी को नेताजी (मुलायम) के साथ-साथ उनके तमाम साथियों ने आगे बढ़ाया है। कई बार लोग सवाल उठाते हैं। मैं उनसे यही कहना चाहता हूं कि नेताजी हमारे पिता तो रहेंगे ही, वहीं उनका आशीर्वाद भी बना रहेगा। तो हम इस आंदोलन को और बढ़ाएंगे और देश की ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। अखिलेश का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब मुलायम की ओर से 2 दिन बाद संवाददाता सम्मेलन में एक नई पार्टी बनाने का ऐलान करने की अटकलें जोरों पर हैं। अधिवेशन में मुलायम और अखिलेश के प्रतिद्वंद्वी चाचा शिवपाल यादव उपस्थित नहीं थे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने शिवपाल के धड़े पर निशाना साधते हुए किसी का नाम लिए बगैर कहा कि हम यह भी कहना चाहेंगे कि आप तमाम बनावटी समाजवादियों से सावधान रहना। मैं नकली समाजवादी लोगों के लिए कहना चाहूंगा कि उन्होंने कई कोशिशें और साजिशें कीं कि समाजवादी आंदोलन थम जाए। वे एक साजिश में तो कामयाब हो गए कि हम सरकार में नहीं आ पाए लेकिन अब सभी समाजवादियों की आंख खुल गई है। अब वे किसी भी साजिश में कामयाब नहीं हो सकते।

अखिलेश ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों में जुटने का आह्वान करते हुए कहा कि आने वाले समय में चुनाव का परिणाम जब आपके पक्ष में होगा तो वह संदेश केवल वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए ही नहीं, बल्कि 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए भी होगा। आपको पूरी ईमानदारी और मेहनत से जनता के बीच जाकर भाजपा सरकार की नाकामियों को बताना होगा। अधिवेशन में नरेश उत्तम पटेल को सर्वसम्मति से सपा का प्रदेश अध्यक्ष एक बार फिर चुन लिया गया। इसमें प्रदेश भर से करीब 15 हजार कार्यकर्त्ताओं ने शिरकत की।

बुलेट ट्रेन परियोजना पर कसा तंज
अखिलेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना पर तंज कसते हुए कहा कि अगर अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चली रही है तो कम से कम कोई ट्रेन लखनऊ से कोलकाता के बीच चला दो। मगर जिस तरीके से आपकी ट्रेन चल रही है, किसी को भरोसा नहीं है कि ट्रेन कब पलट जाए, कब पटरी से उतर जाए।