भोजपुरी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की फिर उठी मांग, राज्यसभा सांसद बोले- घरों में भोजपुरी का करें इस्तेमाल
punjabkesari.in Monday, Aug 22, 2022 - 04:59 PM (IST)
गोरखपुर: लोकसभा में कई बार भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाई गई है। इसी क्रम में एक कार्यक्रम में सम्मिलित होने आए राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला ने कहा की भोजपुरी से कम बोलने वाली भाषा को संविधान की अनुसूची में सम्मिलित किया गया है, लेकिन आज तक भोजपुरी को सूची में स्थान नहीं दिया गया।
गौरतलब है कि इस दिशा में वह तीन भाषाओं भोजपुरी, राजस्थानी और भोंटी का विषय हमेशा ही उठा रहे हैं। इससे पहले सांसद ने कहा गया था कि 16 देशों में 20 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। राजस्थानी भाषा भी काफी संख्या में लोगों द्वारा बोली जाती है। भूटान में भोंटी भाषा को मान्यता दी गई है। ऐसे में भोजपुरी राजस्थानी और भोंटी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की अक्सर ही मांग उठती चली आ रही है।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में मान्यता दी जाए, इसके लिए संसद में भी मैंने आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर हम लोग खुद ही भोजपुरी पर ध्यान नहीं देते हैं। आगे उन्होंने कहा कि इससे कम बोलने वाली भाषा मैथिली को ही संविधान की अनुसूची में शामिल किया गया है लेकिन इसे नहीं शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि भोजपुरी को महत्व देना चाहिए और घर में भी लोगों को भोजपुरी बोलना चाहिए।
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