पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी को HC से बड़ा झटका, गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज

punjabkesari.in Sunday, May 08, 2022 - 09:27 AM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की गिरफ्तारी पर रोक लगाने और मेरठ में उनके और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी है।

प्राथमिकी में आरोप है कि कुरैशी की इकाई बिना कोई वैध लाइसेंस के पहले से स्टोर किए गए मांस के प्रसंस्करण में लिप्त थी और साथ ही पहले से प्राप्त लाइसेंस की मियाद खत्म होने के बाद वहां ताजा मांस लाया जा रहा था। मांस कारोबारी कुरैशी का याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने कहा, “ये आरोप प्रथम दृष्टया यह संकेत देते हैं कि कुरैशी की इकाई बगैर कानूनी अधिकार के मांस आदि के प्रसंस्करण के गैर कानूनी कार्य में लिप्त थी।” याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि इस उद्योग को चलाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है, इस पर अदालत ने कहा, जहां तक इस मामले में याचिकाकर्ताओं को फंसाये जाने का संबंध है, यदि उनकी कोई खास भूमिका नहीं है तो वे आवश्यकता अनुसार सीआरपीसी के तहत उचित उपचार का लाभ ले सकते हैं।

अदालत ने पिछले बुधवार को दिए अपने निर्णय में कहा कि उस प्राथमिकी में हस्तक्षेप का कोई मामला नहीं बनता। “आरोप है कि मांस के भंडारण से काफी बदबू आ रही थी जिससे आसपास के लोगों की सेहत को खतरा था। ये आरोप सही हैं या नहीं, यह तय करने के लिए तथ्यों की जांच करना क्या न्यायोचित नहीं होगा?'' राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा 31 मार्च, 2022 को मेरठ में कुरैशी के परिसरों पर छापा मारने के दौरान हड्डियों के साथ भारी मात्रा में मांस खुले में पड़ा मिला जिससे लोगों को बड़ी असुविधा हो रही थी क्योंकि ये मांस सुरक्षित नहीं रखे गए थे और इनसे बहुत बदबू आ रही थी। इसके बाद, इस संबंध में मेरठ के खरखौदा थाने में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

प्राथमिकी को इस आधार पर चुनौती दी है गई कि समय-समय पर अनुमति एवं लाइसेंस प्राप्त करने के बाद मांस के प्रसंस्करण की वाणिज्यिक गतिविधि उस परिसर के भीतर की गई और उस परिसर में जो सामग्री उपलब्ध थी वह पैक किया हुआ मांस था जिसे 2019 से पूर्व रखा गया था, लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से हटाया नहीं जा सका।


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Content Writer

Mamta Yadav

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