बड़ा खुलासा: वकील बोले- महंत नरेंद्र गिरि ने बनवाई थी 3 वसीयत, हर बार बदला उत्तराधिकारी का नाम

punjabkesari.in Friday, Sep 24, 2021 - 05:44 PM (IST)

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। महंत नरेंद्र गिरि ने एक नहीं बल्कि 3 बार वसीयत बनवाई थी। हर बार उन्होंने अपना उत्तराधिकारी बदला दिया। पहली वसीयत 2010 में उन्होंने बनवाई जिसमें बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाया। इसके बाद 2011 में उन्होंने दूसरी वसीयत तैयार करवाई, जिसमें अपने शिष्य स्वामी आनंद गिरि को उत्तराधिकारी बनाया। इसके बाद 2020 में एक और वसीयत तैयार करवाई जिसमें पहले की दोनों वसीयतों को रद्द करवाते हुए बलवीर गिरि को फिर से उत्तरधिकारी घोषित किया।

महंत नरेंद्र गिरि ने बनवाई 3 वसीयत
इस बारे में जानकारी देते हुए महंत नरेंद्र गिरि के वकील ऋषिशंकर द्विवेदी ने बताया कि महंत नरेंद्र गिरि ने 4 जून 2020 को पहले की दोनों वसीयतों को निरस्त करवाते हुए तीसरी वसीयत लिखवाई, जिसमें उन्होंने बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बनवाया। उन्होंने बताया कि नरेंद्र गिरि ने 7 जनवरी 2010 को पहली वसीयत तैयार करवाई थी। इसमें उन्होंने बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बनाया था। इसके बाद 29 अगस्त 2011 को फिर उन्होंने दूसरी वसीयत तैयार करवाई और इस बार स्वामी आनंद गिरी को उत्तरधिकारी बनाया।

महंत नरेंद्र गिरि ने वकील से किया आनंद गिरि से अपने मनमुटाव का जिक्र 
उन्होंने बताया था कि बलवीर गिरि हरिद्वार में व्यस्त रहते हैं। इसलिए आनंद गिरि ही उनके उत्तराधिकारी होंगे। इसके बाद 4 जून 2020 को महंत जी ने अपनी तीसरी वसीयत तैयार करवाई। इस बार उन्होंने अपनी पहले की दोनों वसीयतों को रद्द करवाते हुए एक नई वसीयत तैयार करवाई। इसमें उन्होंने एक बार फिर बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाया। उन्होंने स्वामी आनंद गिरि से अपने मनमुटाव का जिक्र भी वकील ऋषिशंकर द्विवेदी से किया था। 

बलवीर गिरि ही अगले महंत बनेंगे- वकील 
एक निजी चैनल से फोन पर बात करने के दौरान वकील ने बताया कि अखाड़ा परिषद के नियम के मुताबिक वसीयत के अनुसार ही उत्तराधिकारी तय होता है। महंत नरेंद्र गिरि की आखिरी वसीयत के मुताबिक बलवीर गिरि ही अगले महंत बनेंगे। उन्हें पांच परमेश्वरों के मुताबिक अखाड़े का संचालन करना होगा। 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj