UP में शराब प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी, देसी-विदेशी शराब और बीयर अब एक ही दुकान पर.... ई-लॉटरी से मिलेगा लाइसेंस!
punjabkesari.in Thursday, Feb 06, 2025 - 02:53 PM (IST)
![](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2025_2image_14_51_477009073upalcohal.jpg)
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शराब बिक्री को लेकर नई आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यह निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। सरकार का लक्ष्य इस नीति के जरिए 55 हजार करोड़ रुपए का राजस्व जुटाना है, जो पिछली बार से 4000 करोड़ रुपए ज्यादा है।
मुख्य बदलाव:-
नई दुकान व्यवस्था
अब देशी-विदेशी शराब, बीयर और वाइन सभी एक ही दुकान पर मिल सकेंगे। इन दुकानों को ई-लॉटरी सिस्टम के तहत लाइसेंस दिए जाएंगे, और पुराने लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं होगा। इसका मतलब है कि हर दुकान को नया लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ई-लॉटरी के जरिए आवेदन करना होगा।
प्रीमियम रिटेल दुकानें
इस नई नीति में प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस के लिए सालाना 25 लाख रुपए की फीस तय की गई है। साथ ही, कोई भी व्यक्ति, फर्म या कंपनी 2 से ज्यादा लाइसेंस नहीं ले सकेगी।
कंपोजिट दुकानें
पहली बार प्रदेश में कंपोजिट दुकानों को लाइसेंस जारी किया जाएगा, जिनमें देशी और विदेशी शराब, बीयर, वाइन सभी एक ही जगह पर बिक सकेंगे।
मॉल्स और मल्टीप्लेक्स में दुकानें
मॉल्स और मल्टीप्लेक्स जैसे सार्वजनिक स्थानों पर प्रीमियम ब्रांड की शराब की दुकानें नहीं खोली जा सकेंगी। हालांकि, एयरपोर्ट, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर इनकी स्थापना की अनुमति दी जा सकती है, यदि सक्षम स्तर से अनापत्ति (NOC) प्राप्त होती है।
शराब की बोतलें
अब से विदेशी शराब 60 और 90 एमएल की बोतलों में भी बिक सकेंगी, जिससे छोटी मात्रा में शराब खरीदने की सुविधा होगी।
होम लाइसेंस सुविधा
निजी इस्तेमाल के लिए ज्यादा शराब खरीदने के लिए अब होम लाइसेंस प्राप्त करना आसान होगा। इसके लिए सालाना 11 हजार रुपए की फीस और 11 हजार रुपए की सिक्योरिटी डिपॉजिट देने होंगे। यह लाइसेंस केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जो लगातार 3 साल से अपना आयकर रिटर्न जमा कर रहे हैं।
देशी शराब पैकिंग
अब से देशी शराब एसेप्टिक ब्रिज पैक (Aseptic Brick Pack) में भी उपलब्ध होगी, जिससे शराब में मिलावट की संभावना खत्म हो जाएगी और गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।
सरकार का लक्ष्य और दृष्टिकोण
योगी आदित्यनाथ सरकार की नई आबकारी नीति का उद्देश्य शराब बिक्री से प्रदेश के राजस्व में वृद्धि करना है। पिछले साल के मुकाबले इस बार 4000 करोड़ रुपए ज्यादा राजस्व का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति के माध्यम से प्रदेश में शराब की दुकानों के संचालन को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाया जाएगा, जिससे सरकारी राजस्व में वृद्धि हो सके और जनता को गुणवत्ता वाली शराब आसानी से उपलब्ध हो सके। इस नीति से शराब के कारोबार में और सुधार की उम्मीद जताई जा रही है और प्रदेश के विकास में अहम योगदान की संभावना है।