स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, एंबुलेंस में ही नवजात की तड़प तड़प कर हुई मौत

punjabkesari.in Thursday, Jan 25, 2018 - 04:42 PM (IST)

मुजफ्फरनगरः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां एंबुलेंस के भीतर जन्मे एक नन्हे बच्चे ने इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर जांच की बात कह रही है।

दरअसल मोरना ब्लॉक के रुड़कली गांव से मंगलवार देर शाम साढ़े 9 बजे मोरना सीएचसी में पहुंची एक गर्भवती महिला महराना को डॉक्टरों ने जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया था। जब महिला के परिवार वालों ने सीएचसी पर खड़ी 102 नंबर एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाने को कहा तो डॉक्टरों ने 102 एंबुलेंस भेजने के लिए मना कर दिया। जिसके बाद 108 एंबुलेंस से संपर्क साधा गया। 108 एंबुलेंस जिला अस्पताल से मरीज को छोड़कर जब वापिस मोरना सीएचसी में पहुंची तो लगभग पौने घंटे का समय बीत चुका था। इसके बाद महिला को 108 एंबुलेंस से जब जिला चिकित्सालय ले जाया जा रहा था। तो रास्ते में महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया और उस बच्चे की कुछ ही मिनटों में इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर मौत हो गई।

बता दें कि मोरना ब्लॉक के रुड़कली गांव से एक गर्भवती महिला महराना को उसके परिवार वाले 102 नंबर एंबुलेंस से मोरना सीएचसी लेकर आए थे। महराना के जेठ इंतजार का कहना है कि सीएचसी के डाक्टरों ने हमारे मरीज को तवज्जो नहीं दी। जिस पर महराना की तबियत बिगड़ने लगी। हमने फिर वहां डॉक्टरों से कहा कि हमारे मरीज को मुजफ्फरनगर रेफर कर दो तो गर्भवती महिला को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।

पीड़ित परिवार का आरोप है कि सीएचसी में दो 102 नंबर की एंबुलेंस खड़ी थी और डॉक्टरों से जब पीड़ित परिवार ने 102 एंबुलेंस से जिला अस्पताल भिजवाने को कहा तो उन्होंने बोला कि 102 नहीं जाएगी, 108 पर फोन करो। हमने 108 पर फ़ोन किया तो करीबन 45 मिनट बाद एंबुलेंस आई। हम वहां से चले तो रास्ते में हमारा बच्चा हो गया जो कुछ ही देर में मर गया। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी पीएस मिश्रा ने कहा कि वह खुद मोरना सीएचसी जाकर जांच करेंगे और इस मामले में सख्त कार्रवाई करेंगे।