BJP पार्षद ने मारपीट मामले में दारोगा को धमकाया, कहा- डीआईजी नहीं है तू

punjabkesari.in Tuesday, Jan 30, 2018 - 11:49 AM (IST)

आगराः योगी सरकार की मंशा है कि यूपी में कानून का राज स्थापित हो। लेकिन उन्हीं की पार्टी के चंद लोग उनकी मंशा पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। अभी हाल ही में एक नेता (राम शंकर कठेरिया, अध्यक्ष, अनुसूचित जाति आयोग) की ऑडियो वायरल हुई थी। जिसमें वह दरोगा को हड़का रहे थे। यह मामला अभी चर्चा में ही था कि अब नेता के रिश्तेदार ने एक दरोगा से मारपीट के मामले में दबाव ही नहीं बनाया, अपितु तू तड़ाक की भाषा का प्रयोग भी किया। जिसका ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

नेता का रिश्तेदार बीजेपी से पार्षद है
बता दें कि नेता का रिश्तेदार सत्ताधारी पार्टी बीजेपी से पार्षद (अजय कठेरिया) है। पूर्व में चुनाव के वक्त भी इनका एक ऑडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आया था। एक बार फिर से सोशल मीडिया पर अपने बिगड़े बोल को लेकर सुर्खियों में है। नेता के रिश्तेदार अजय कठेरिया पार्षद ने शहर के एक पुलिस चौकी पर तैनात दरोगा को फोन किया और अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जबकि दरोगा बोल रहा था कि आप जो चाहते हैं वह होगा लेकिन मारपीट की शिकायत में समझौता पत्र लिखित में चाहिए। 

जानिए पूरा मामला 
दरअसल नेताजी के रिश्तेदार ने मारपीट के मामले में दरोगा को फोन किया और खुद का परिचय नेताजी के घर से बोलने का दिया। फिर उसने कहा कि आपके पास विपिन और मनोज का मामला आया होगा। हमारी बात हो गई है, विपिन से बात कर लेना। अब मनोज के घर नहीं जाना। दरोगा ने कहा कि सर हमारी तो मजबूरी है। अगर दोनों में कोई बात हुई है तो समझौता लिखकर दे, हमें कोई आपत्ति नहीं है। 

ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल 
जिसके बाद पार्षद ने कहा कि हमारे घर समझौता हो जाएगा। इस पर दरोगा ने कहा सर आप तो करा देंगे ,लेकिन हमें जानकारी कैसे होगी। यह सुनकर पार्षद गुस्से में तमतमाते हुए बोले कि तुम कोई डीआईजी नहीं हो, जो हम तुम्हें जानकारी देंगे, बात इतनी बढ़ी कि पार्षद तू-तड़ाक पर उतर आया। फिर यह कहते हुए फोन काट दिया कि चुप हो जा दरोगा। वहीं पार्षद और दारोगा के बीच हुई बातचीत का पूरा ऑडियो वायरल हो गया है।

वहीं ऑडियो सोशल मीडिया पर छा गई है। लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं।फिलहाल कुछ भी हो लेकिन जिस तरह से ये हड़काने वाले मामले सामने आ रहे हैं। उससे लगता है कि पुलिस इस समय एससी आयोग के चेयरमैन रामशंकर कठेरिया और उनके परिजनों के सामने कठपुतली बनी हुई है।