राज्यसभा चुनावः 9 वें प्रत्याशी के रूप में बीजेपी से अनिल अग्रवाल ने किया नामांकन, मुकाबला चिलचस्प

punjabkesari.in Monday, Mar 12, 2018 - 02:26 PM (IST)

लखनऊः राज्यसभा में 9 वें प्रत्याशी के रूप में बीजेपी की तरफ से अनिल अग्रवाल ने नामांकन किया है। अनिल अग्रवाल के मैदान में कूदने से मुकाबला काफी दिलचस्प हाे गया है। बता दें कि इससे पहले यूपी राज्यसभा के लिए बीजेपी ने अपने 8 कैंडिडेट की सूची जारी की थी। जिसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली शामिल हैं। दरअसल 8 सीटों पर प्रत्याशियों की जीत पक्की होने के बाद बीजेपी ने 9वें प्रत्याशी काे भी मैदान में उतारने का मन बनाया था। 

राज्यसभा की 58 सीटों के लिए हाेगा चुनाव
गाैरतलब है कि राज्यसभा की 58 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होना है। जिन 58 सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें से सबसे ज्यादा 10 सीटें यूपी की हैं। खाली हो रही 10 सीटों में से 6 सीटें सपा, बसपा के पास 2 सीट थीं, लेकिन मायावती के इस्तीफा देने के बाद से ही एक सीट खाली है और 1-1 सीटें कांग्रेस और बीजेपी के पास हैं। 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को मिले अपार बहुमत के कारण ये माना जा रहा है कि इन 10 सीटों में एक 8 सीटें बीजेपी के खाते में जाएंगी, जबकि सपा को एक सीट मिलेगी। लेकिन इस बीच अब बीजेपी ने अपना दांव चल दिया है। जिससे 8 नहीं बल्कि 9 सीटों पर बीजेपी की जीत हो सकती है। 

सपा देगी बसपा को समर्थन
जिसके बाद अब बसपा के भीमराव अम्बेडकर और बीजेपी समर्थक प्रत्याशी के बीच वोटिंग हो सकती है। वहीं, ऊर्जा मंत्री और सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि पार्टी ज्यादा से ज्यादा सदस्य राज्यसभा में भेजना चाहती है और हम अपनी संख्या के हिसाब से ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार भेजेंगे।

साम्प्रदायिक ताक़तों को रोकने के लिए करेंगे समर्थन
दूसरी तरफ सपा नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी, कांग्रेस पार्टी और आरएलडी जैसी समान विचारधारा वाली पार्टियों ने मिलकर बीएसपी प्रत्याशी को जिताने का निर्णय लिया है। बसपा उम्मीदवार भीमराव अम्बेडकर के समर्थन में सभी दलों ने समर्थन पत्र भी सौंपा। कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा, कि साम्प्रदायिक ताक़तों को रोकने के लिए हमने बीएसपी के प्रत्याशी को समर्थन देने का फैसला किया है। 

जानिए राज्यसभा सीट का गणित
इस बार उत्तर प्रदेश से 10 सीटों के लिए चुनाव होना है। संख्या बल के आधार पर बीजेपी के 8 प्रत्याशियों की जीत तय है जबकि सपा अपने एक प्रत्याशी जया बच्चन को निर्विरोध राज्यसभा भेज रही है। वहीं,10वीं सीट के लिए पेंच फंसा है। बसपा ने उपचुनाव में सपा को समर्थन देकर बदले में राज्यसभा की एक सीट पर सपोर्ट मांगा है।

बीजेपी और सहयोगी दलों के पास 325 विधायक हैं। एक सीट के लिए 37 विधायकों की जरुरत है। 8 प्रत्याशियों को राज्यसभा भेजने के बाद बीजेपी के पास 21 अतिरिक्त विधायक बच रहे हैं। वहीं सपा के पास 47 विधायक है। जया बच्चन को राज्यसभा भेजने के बाद उसके पास 10 विधायक शेष हैं। बसपा के 19 विधायक और कांग्रेस के पास 7 विधायक हैं। सपा के बचे हुए विधायक और बसपा कांग्रेस के विधायक मिलाकर कुल संख्या 36 पहुंचती है। रालोद के एक विधायक के समर्थन के बाद बसपा के भीमराव अम्बेडकर आसानी से चुन लिए जाएंगे। बावजूद इसके बीजेपी ने एक निर्दलीय को मैदान में उतारकर सेंध लगाने की कोशिश की है।