दलितों के मुद्दे पर BJP ने दिखाए आक्रामक तेवर

punjabkesari.in Monday, Apr 09, 2018 - 02:40 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने दलितों के मुद्दे पर तीखे तेवर दिखाते हुए दावा किया कि प्रदेश की किसी पूर्ववर्ती सरकार ने दलितों के हित में इतना काम नहीं किया जितना मात्र 1 साल और 4 महीने में योगी सरकार ने करके दिखाया। बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार के शासनकाल में दलितों पर किए जा रहे अत्याचार के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा के दलित लोक सभा सांसद कौशल किशोर ने कहा कि भाजपा एकमात्र पार्टी है जो सही अर्थों में दलितों के हितों का ध्यान रखती है। इन्हीं मायावती को भाजपा ने 3 बार समर्थन दिया जब इन्होंने प्रदेश मुख्यमंत्री का पद संभाला।

किशोर ने पत्रकारों से कहा कि कभी जिन मायावती की जिंदगी जिस पार्टी ने बचाई थी आज वह ही भाजपा को दलितों के मुद्दे पर बदनाम करने की साजिश में शामिल हो गईं हैं। जब केंद्र सरकार इस मामले में उच्चतम न्यायालय में पुर्नरीक्षण याचिका पहले ही दायर कर चुकी है तो भाजपा के खिलाफ इस तरह के अनर्गल आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं। भाजपा आवश्यकता पड़ने पर हमेशा दलितों के साथ खड़ी हुई है इतना ही नहीं उन्हें कुछ राजनीतिक दलों के षडयंत्रों से भी भाजपा ने बचाया है।

दलितों के मुद्दे पर भाजपा को कटघरे मे खड़ा करने की कोशिश में लगी बसपा सुप्रीमो को जवाब देने और दलितों के हित में भाजपा सरकार द्वारा किए गए कार्यों के प्रचार की जिम्मेदारी भाजपा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद कौशल किशोर को सौंपी गई है। अपनी इसी जिम्मेदारी को निभाते हुए भाजपा सांसद ने मायावती पर पलटवार करते हुए सपा के साथ बसपा के गठबंधन पर सवाल किया कि कैसे वह आज उस पार्टी के साथ हाथ मिला सकती हैं जिसने अपने शासनकाल में छह लाख दलित कर्मचारियों और अधिकारियों को डिमोट किया हो।

उन्होंने कहा कि दलितों का मसीहा होने का दावा करने वाली बसपा सुप्रीमो ने कुछ तुच्छ निजी स्वार्थों के लिए सपा से हाथ मिलाकर खुद दलितों को बेच दिया है और उन्होंने अपने शासनकाल में अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अधिकारों को घटाकर दलितों को कमजोर करने का काम किया है। दलितों के मुद्दे पर भाजपा के ही कुछ दलित सासंदों द्वारा जताए गए विरोध के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में किशोर ने कहा कि इन सांसदों को पार्टी या सरकार पर अविश्वास हो ऐसी कोई बात नहीं है इन लोगों ने अभी तक जो भी मुद्दे उठाए हैं वह निजी हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि इन सांसदों ने पार्टी के मंच पर कभी कोई सवाल नहीं उठाया लेकिन 2 अप्रैल को हुए प्रदर्शनों के बाद ये सभी अचानक एक हो गए। साथ ही यह भी कहा कि पार्टी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का अध्यक्ष होने के नाते वह इन नेताओं से बात करेंगे और समस्या का समाधान खोजेंगे। उन्होंने कहा कि इन सांसदों को दोबारा 2019 के चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने जैसी कोई बात है ही नहीं। पार्टी को अभी इन सांसदों के कार्यों का मूल्यांकन अभी करना है।

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