BJP राज में लोकतंत्र खतरे में, बचाने के लिए एकजुटता जरुरी: अखिलेश

punjabkesari.in Tuesday, Jan 01, 2019 - 09:40 AM (IST)

लखनऊ: भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि खतरे में पड़े लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुटता जरूरी है। लोकबंधु राजनारायण की 32वीं पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यादव ने कहा कि भाजपा के लोग सबको सता रहे हैं। भाजपा सरकार में किसान, नौजवान, गरीब सभी बर्बाद हैं। मंहगाई की मार से लोग त्रस्त हैं। रोजगार नहीं है। सरकार जनहित के खिलाफ काम कर रही है। समाजवादी ही जनता का दु:ख दर्द समझ सकता है। समाज में तनाव के लिए भाजपाई जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की भाषा लोकतंत्र में मर्यादित होनी चाहिए, पर यहां तो ठोकों की भाषा बोली जा रही है। समाज का बंटवारा होगा तो खुशहाली नहीं आएगीं। भाजपा की आर्थिक नीतियों ने भारत के बाजार को बर्बाद कर दिया हैं। स्वदेशी की बात करने वालों के समय भारत में चीन के सामान से बाजार पट गए हैं। भाजपा वैचारिक प्रदूषण फैलाने में लगी है। प्रचार माध्यमों पर कब्जा हो गया हैं। भाजपा की इन साजिशों से अत: सावधान रहना है और वैश्वीकरण के दौर में भारत को बचाना है।

यादव ने कहा कि समाजवादी जातिवादी नहीं हो सकते हैं। वे सबको साथ लेकर चलते हैं। समाजवादी पार्टी की मांग है कि जनगणना के आधार पर जनसंख्या का आनुपातिक हक और सम्मान मिलना चाहिए। इससे एक दूसरे के प्रति घृणा नहीं होगी और सबका भला होगा। भाजपा कारोबारियों की दुश्मन पार्टी है। वह किसान को भी मजदूर बनाना चाहती है। सपा अध्यक्ष ने कहा भाजपा ने नमामि गंगे नारे से जनता को धोखा दिया। गंगा निर्मल नहीं हुई। समाजवादी सरकार में गोमती की सफाई हुई। भाजपा ने रिवरफ्रंट को बांटकर 9 नए नाम दे डाले अच्छा होता वे 10वां जुमला पार्क भी बना डालते। भाजपा ने किया कुछ नहीं बस समाजवादी सरकार के कामों पर अपनी मुहर लगाई है।

यादव ने कहा कि विकास का बुनियादी ढांचा बनना चाहिए। समाजवादी सरकार ने लखनऊ में मेट्रो चला दी। कानपुर में चलने को थी भाजपा सरकार ने इसे रोक दिया। झांसी-गोरखपुर में मेट्रो अब चलने वाली नहीं है। समाजवादी सरकार में इकाना जैसे 10 स्तरीय स्टेडियम बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सड़क बन गई। अब लखनऊ से गाजीपुर जोड़ने वाली सड़क से बलिया को काट दिया गया है। एक्सप्रेस-वे के किनारे मंडिया बनती। उससे किसान को लाभ मिलता। धान-आलू का क्रय नहीं हुआ। क्रय केन्द्र नहीं खुले। गन्ना किसानों भुगतान नहीं हुआ और ना ही इस सत्र में गन्नें का भाव बढ़ा है।

Anil Kapoor