गांधी के बहाने सियासत चमका रही है भाजपा: अखिलेश यादव

punjabkesari.in Saturday, Oct 05, 2019 - 09:09 AM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत के बहाने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सभी नैतिक मूल्यों को तिलांजलि देकर अपनी सियासत चमकाने में जुटी है। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि गांधी जी का सम्पूर्ण जीवन सत्य-अहिंसा के लिए प्रतिबद्ध रहा। सादगी उनके जीवन का अंग थी। गांधी जी अपने विरोधी के प्रति भी प्रेमभाव रखते थे जबकि इसके विपरीत भाजपा और उसके मातृ संगठन की राजनीति नफरत और साम्प्रदायिकता पर आधारित है। भाजपा सरकार दिल्ली से लखनऊ तक विपक्ष को अपमानित करने के लिए बदले की भावना से कारर्वाई करती है। यह लोकतांत्रिक नैतिकता के विरूद्ध है।  

उन्होंने कहा कि भाजपा गांधी जी के स्वदेशी व्रत पर निर्मम प्रहार निजीकरण को बढ़ावा देकर कर रही है। अभी कल तक ही गांधी जी का नाम जपने वालों ने आज ही देश की पहली कारपोरेट ट्रेन तेजस को हरी झंडी दिखाकर साबित कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता में गांव-गरीब नहीं लग्जरी जिंदगी जीने वाले पूंजी घरानों को खुशियां देना है। भाजपा निजीकरण को बढ़ावा देकर आरक्षण और सामाजिक न्याय के विरोध की राजनीति कर रही है।        

सपा अध्यक्ष ने सवाल किया कि बिजली, पानी, सड़क और जीवनरक्षा के लिए बेहाल उत्तर प्रदेश को मंहगी तेजस या बुलेट ट्रेन की जरूरत क्या है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे समाजवादी सरकार में बनी जिससे साढे पांच घंटे में ही दिल्ली तक रास्ता तय हो जाता है। शताब्दी ट्रेन से केवल 25 मिनट समय बचाने के लिए एक कारपोरेट ट्रेन चला दी गई है और शताब्दी ट्रेन से ज्यादा किराया बढ़ा दिया गया। यह कर्मचारियों के हितों के भी खिलाफ है। गाजियाबाद में रेल कर्मचारियों ने इसे रोक कर अपना विरोध जताया। विकास की आड़ में देश की संपदा बेचना एक आत्मघाती कदम हैं।        

उन्होंने कहा कि स्वदेशी धारा को जितना आघात भाजपा शासन में मिला है, वह गांधी जी को न जानने वाला ही कर सकता है। विदेशों से आयात बढ़ता जा रहा है। देश के उद्योगधंधे बंद होते जा रहे है। नोटबंदी-जीएसटी ने लघु मध्यम उद्योगों को तो खत्म किया ही बड़ी कम्पनियों में भी नौकरियों में छंटनी करा दी। बेरोजगारी सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रही है। भाजपा सरकार में हर क्षेत्र में भारत वैश्विक आंकलन में पिछड़ता जा रहा है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को छूट मिली हुई है। क्या यही है नया भारत है। 

Ajay kumar