कैंसर से BJP नेता अशोक दुबे का निधन, समाजवादी गढ़ इटावा में गाड़ा था पार्टी का झंडा
punjabkesari.in Sunday, Feb 14, 2021 - 11:25 AM (IST)
इटावा: समाजवादी गढ़ कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के इटावा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पहली दफा झंडा गाड़ने वाले पूर्व विधायक व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक दुबे का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह करीब 68 साल के थे। कैंसर रोग से लंबे समय से बीमार चल रहे दुबे का देर रात दो बजे उनके अशोक नगर स्थित आवास पर निधन हो गया ।
बता दें कि पड़ोसी औरैया जिले के ग्राम चिरुहूली में जन्मे अशोक दुबे का बचपन ननिहाल इटावा स्थित बसरेहर क्षेत्र के ग्राम सिरसा में बीता। ख्यातिलब्ध के.के. डिग्री कालेज से उन्होंने छात्र राजनीति शुरु की । वह सबसे कम उम्र के सहकारी समिति के सदस्य भी बने । ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक बनने के बाद राजनीति के चलते नौकरी छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया । पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई से प्रभावित हो कर उन्होंने भाजपा से राजनीति शुरू कर दी । 1989 में राम मंदिर आंदोलन में भाग लिया और गिरफ्तारी के बाद जेल भी गए । 1989 में यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अशोक दुबे को सदर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा । दो वर्ष बाद 1991 में प्रदेश में फिर से हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सदर इटावा विधानसभा सीट से अशोक दुबे पर एक बार फिर से दांव आजमाया और इस बार यूपी में राम लहर चलने की वजह से वह मुलायम सिंह यादव के गढ़ में पहली बार विजयश्री हासिल कर कमल खिलाने में सफल रहे ।
आगे बता दें कि इस जीत के साथ उनका कद भाजपा में बढ़ता चला गया। साथ ही उनकी लोकप्रियता का ग्राफ भी बढ़ता गया। इसका अंदाजा इसी से लगता है कि भाजपा ने 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में लगातार चौथी बार इटावा सदर सीट से प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह पार्टी की उम्मीदों पर खरे न उतर सके और पराजय का सामना करना पड़ा। दल में लगातार बढ़ते कद की वजह से ही भाजपा ने अशोक दुबे को 1996 में एमएलसी बनाकर विधान परिषद में भेजा लेकिन भाजपा का भरोसा अशोक दुबे के ऊपर बराबर कायम रहा । 2012 में अशोक दुबे ने अंतिम बार इटावा सदर सीट से फिर से भाजपा की ओर से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।