सियासत की भेंट चढ़ी बीजेपी की ‘गंगा यात्रा’, सपाईयों ने कहा-ये कोई योजना नहीं है

punjabkesari.in Thursday, Jan 30, 2020 - 10:23 AM (IST)

बलिया: सियासत के राजनीतिक गलियारे में नेताओं का एक दूसरे पर तीखा हमला करना कोई नई बात नही है। लेकिन आस्था की नदी, माँ गंगा को राजनीतिक मुद्दा बनाकर राजनीति करना ये देश के हर बड़ी पार्टी का चुनावी फंडा बन चुका है। पहले राम मंदिर था अब जब यह मुद्दा खत्म हुआ तो माँ गंगा को ही राजनीति की बलि चढ़ाई जा रही है। 
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समाजवादियों की है गंगा
ताजा मामला बलिया के समाजवादी पार्टी के विधानसभा नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी के एक कार्यक्रम के दौरान का है। जहाँ मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए समाज के हर वर्ग से जुड़ी माँ गंगा को ‘समाजवादियों की गंगा’ बता दिया। चौधरी ने कहा कि गंगा यात्रा कोई योजना नहीं है। योजना सफाई की है। वहीं गंगा सफाई योजना को कांग्रेस की योजना बताया कहा इनको गंगा से क्या लेना देना है।

चौधरी के बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल होना तय
नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल होना तय है। इसमें कोई शक नहीं कि माँ गंगा को अब राजनेताओं (पक्ष हो या विपक्ष) ने राजनीतिक स्टंड के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इस बयान के बाद ये भी तय है कि आने वाले चुनाव में गंगा का मुद्दा विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा होगा। जिसके सहारे हर पार्टी चुनावी बिगुल बजाने का काम करेगी। क्योंकि गंगा इस देश मे रहने वाले हर उस एक व्यक्ति की है जो इन नेताओं को वोट देगी। वोट देने वाला हर नागरिक गंगा से जुड़ा है फिर वो चाहे आस्था के नाम पर हो या सिर्फ जल ही जीवन की सत्यता से जुड़ा हो। अब तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि गंगा किसकी है। इन राजनीतिक पार्टियों की या समाज के उस हर एक तबके में रहने वाले बुद्धिजीवियों और इस देश की, जिनसे गंगा युगों युगों से जुड़ी है।


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Ajay kumar

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