सपा को बदनाम करने के लिए BJP फैला रही अफवाह: अखिलेश

punjabkesari.in Friday, Jul 06, 2018 - 12:57 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी(सपा) के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी को बदनाम करने के लिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस)अफवाह फैला रही है। यादव ने एक जारी बयान में कहा कि भाजपा के 15 महीने के कार्यकाल की कुल उपलब्धि समाजवादी सरकार के विकास कार्यों को बर्बाद करना और दुष्प्रचार करना रहा है।

उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रा पूजा शुक्ला के साथ अन्याय हुआ, उसे प्रवेश देने से मनमाने तरीके से रोक दिया गया, इसके विरोध में वह शांतिपूर्ण धरने पर बैठी तो उसका उत्पीड़न किया गया। किसी बेटी को पढ़ने के लिए अनशन करना पड़े यह तो सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि भाजपा के इशारे पर विश्वविद्यालय प्रशासन समाजवादी छात्रसभा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है। यह युवा पीढ़ी के भविष्य को अंधेरे में ढकेलने का दुष्प्रयास है। शिक्षा संस्थान में ऐसा आचरण पूरी तरह अवांछनीय है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ‘बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओ’ के नाम पर भ्रम फैला रही है जबकि भाजपा शासन में बेटियों-महिलाओं पर अत्याचार और हिंसा लगातार बढ़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा प्रदेश में विश्वविद्यालयों को राजनीति का अखाड़ा बना रही है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय, एएमयू, बीएचयू और लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है।

उन्होंने कहा कि कैम्पस में शैक्षणिक गतिविधियों की जगह भाजपा-आरएसएस द्वारा प्रशासन का दुरूपयोग किया जा रहा है। फीस वृद्धि, एडमीशन और छात्रहित के मुद्दों पर आंदोलन करने पर नौजवानों को जेल भेजना और उन्हें शिक्षा से वंचित करने का दुष्चक्र चल रहा है। सरकार का छात्रों के प्रति यह बर्ताव अलोकतांत्रिक है और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यादव ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार असहमति की आवाज को दबा रही है।

उन्होंने आरएसएस और विद्यार्थी परिषद पर युवा पीढ़ी को गुमराह करने का आरोप लगाया। भाजपा जनता को मूल मुद्दों से भटकाती है लेकिन जनता उनकी सच्चाई जानती है। भाजपा-आरएसएस का पूरा एजेंडा ही लोकतांत्रिक ताकतों को कमजोर करना और विपक्ष की छवि धूमिल करने के लिए अफवाहबाजी और झूठ का प्रचार करना है। समाजवादी पार्टी हिंसा और अराजकता की विरोधी है। वह लोकतंत्र, समाजवाद और सछ्वाव के लिए प्रतिबद्ध है।

Anil Kapoor