बीजेपी कार्यकर्ताओं को इन पदों पर तैनात करने की तैयारी में योगी सरकार

punjabkesari.in Friday, Dec 15, 2017 - 06:39 PM (IST)

लखनऊ, आशीष पाण्डेय: दल बदल कर बीजेपी में शामिल हुए उन नेताओं के लिए एक अच्छी खबर है। बहुत जल्द योगी सरकार इन्हें दलबदल का इनाम देने वाली है। सूत्रों की मानें तो निगमों, समितियों और विभागों में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, एडवाइजर और मेंबर की खाली पदों को जल्द ही भरा जाएगा। यूपी में सरकार बने आठ महिने हो गए तब से इन पदों को भरा नहीं गया है। हालांकि इन नियुक्तियों को लेकर बीजेपी वर्कर को भी बेसब्री से इंतजार है। राज्य के लिए बेहद अहम नीति आयोग के उपाध्यक्ष पद पर तैनाती नहीं हो पाई है।

अखिलेश सरकार में 80 नेताओं को पद
आपको बता दें कि सूबे की पूर्व अखिलेश सरकार में प्रदेश के 80 नेताओं को अलग अलग निगमों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विभागों में एडवाइजर के तौर पर तैनाती मिली थी। 19 मार्च को सीएम योगी के शपथ लेने के बाद ही तत्कालीन मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने अगले ही दिन आदेश जारी कर सभी गैर शासकीय सलाहकारों, निगमों, विभागों व समितियों में अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सदस्यों को हटाने का आदेश जारी किया था। इसके बाद राज्य योजना आयोग (अब नीति आयोग) के उपाध्यक्ष नवीन चंद बाजपेयी ने भी इस्तीफा दे दिया था। योगी सरकार के आने के बाद से सिर्फ हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष की ही तैनाती की जा सकी है।

चुनाव बनता रहा बहाना
सीएम के सामने कई बार इन पदों को भरने की बात उठी लेकिन हर बार किसी ना किसी चुनाव का बहाना बना कर इस विषय को टाल दिया जाता था। फिलवक्त में भी पार्टी ने निकाय चुनाव को लेकर ऐसे पदों पर नियुक्तियों को फिलहाल टाल रखा था, लेकिन चुनाव दर चुनाव पार्टी को जीत दिलाने वाले कार्यकर्ता अब सरकार से कुछ पाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

कार्रवाई शुरू होने की उम्मीद
सूत्रों की माने तो नगरीय निकाय चुनाव में जीत के बाद समीक्षा में शामिल होने आये सीएम योगी के समक्ष भी यह मामला उठा था। उनकी सकारात्मक प्रति​क्रिया के बाद कुछ डॉक्यूमेंट्स इधर से उधर हुए हैं। हालांकि उनके गुजरात चुनाव में बिजी होने की वजह से इस बारे में विस्तार से चर्चा नहीं हो सकी है।

विधायकों को समायोजन की उम्मीद
इस बार की विधानसभा में बीजेपी को 312 से ज्यादा सीटें मिली हैं। नियमाुनसार अधिकतम 60 विधायक ही सरकार का हिस्सा हो सकते हैं, इनमें तकरीबन 47 विधायक सरकार का हिस्सा हैं। ऐसे में पार्टी के विधायकों की निगाहे भी इन पदों पर लगी हैं। सपा-बसपा से विधान परिषद छोड़ भाजपा में आए दलबदलु नेताओं को भी इस समायोजन से काफी उम्मीद है।