UP में जीतकर भी हारी भाजपा!
punjabkesari.in Tuesday, Dec 05, 2017 - 03:50 PM (IST)
लखनऊ, (आशीष पाण्डेय) : यूपी में निकाय चुनाव में बीजेपी अपनी जीत की जिस तरह से ब्रांडिंग कर रही है उसका कारण केवल गुजरात चुनाव में अपना प्रभाव बढ़ाना है। हकीकत यह है कि निकाय चुनाव में कस्बों और छोटे शहरों में बीजेपी को मिला हुआ वोट शेयर बीते लोकसभा व विधानसभा चुनाव से काफी कम है।
लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान कस्बाई इलाकों व यूपी के छोटे शहरों में बीजेपी का वोट शेयर करीब 43 फीसदी था। जो निकाय चुनाव में घटकर 28 प्रतिशत पर आकर सिमट गया है। आपको बता दें कि नगर पालिका परिषद चुनावों के दौरान कस्बाई व छोटे शहरों में बीजेपी को सिर्फ 35 फीसदी सीटों पर जीत मिली है और बीजेपी का वोट प्रतिशत महज 28.6 ही है। मेयर के चुनाव के लिए बीजेपी का वोट प्रतिशत लगभग 41.4 फीसदी रहा है। ठीक इसी तरह नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के पद पर बीजेपी की जीत की कहानी बिल्कुल अलग है। बीजेपी को 198 में से सिर्फ 70 सीटों पर जीत मिली है।हालांकि, यहां पार्टी का वोट शेयर 28.6 फीसदी है जो कि एसपी के वोट शेयर 21.7 से जरूर काफी अधिक है। इस अंतर के बाद भी मानना पड़ेगा कि मेयर चुनाव में बीजेपी ने जीत का जो आंकड़ा तय किया है यह उससे काफी कम है। अगर इन आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो कह सकते हैं कि बीजेपी के लिए यह जरूर एक चिंता की वजह हो सकती है। सत्ताधारी पार्टी के विरोधियों के लिए उत्तर प्रदेश से इस लिहाज से जरूर थोड़ी अच्छी खबर आ रही है।
2019 में मिल सकती है चुनौती
निकाय चुनाव के परिणाम का विश्लेषण करने के बाद यह तो तय है कि जिस प्रकार नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी के जीत का अंतर काफी कम रहा है। जिससे 2019 लोकसभा चुनावों के लिहाज से एक बड़ी चुनौती जरूर है। रुहेलखंड और सेंट्रल यूपी में बीजेपी से अधिक सीटें एसपी को मिली हैं और सेंट्रल यूपी में तो एसपी का वोट शेयर भी अधिक है। 2014 लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने इन दोनों क्षेत्रों में विरोधियों से काफी बड़ीबढ़त के साथ जीत दर्ज की थी।
समाजवादी पार्टी हो रही मजबूत
निकाय चुनाव में जिस प्रकार का वोट शेयर बीजेपी को मिला है उससे यह कयास शुरू हो गया है कि एक बार फिर से समाजवादी पार्टी की पकड़ वोटर पर मजबूत होती दिख रही है। पश्चिमी यूपी, उत्तर-पूर्व के जिले और बुंदेलखंड में सपा ने 20 फीसदी वोट शेयर के साथ अपनी पहुंच दर्ज करा दी है। दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में बीएसपी की पकड़ दिख रही है, लेकिन प्रदेश के बाकी हिस्सों में अभी एसपी ही मुख्य विकल्प के तौर पर नजर आ रही है। मेयर चुनावों में कांग्रेस को भले मुंह की खानी पड़ी हो, लेकिन छोटे शहरों और कस्बों में उसके पुनर्जीवन की संभावना जरूर नजर आ रही है।
मेयर | सीट शेयर |
बीजेपी | 87.5 प्रतिशत |
बीएसपी | 12.5 प्रतिशत |
मेयर | वोट शेयर |
बीजेपी | 41.4 प्रतिशत |
बीएसपी | 17.3 प्रतिशत |
सपा | 15.9 प्रतिशत |
कांग्रेस | 16.6 प्रतिशत |
अन्य | 8.1 प्रतिशत |
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष | सीट शेयर |
बीजेपी | 35.4 प्रतिशत |
बीएसपी | 14.7 प्रतिशत |
सपा | 22.7 प्रतिशत |
कांग्रेस | 4.6 प्रतिशत |
अन्य | 22.6 प्रतिशत |
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष | वोट शेयर |
बीजेपी | 28.6 प्रतिशत |
बीएसपी | 14.3 प्रतिशत |
सपा | 21.7 प्रतिशत |
कांग्रेस | 6.8 प्रतिशत |
अन्य | 28.3 प्रतिशत |
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नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद पर अलग अलग क्षेत्रों में पार्टियों को मिलें वोट शेयर
सेंट्रल यूपी-45, बुंदेलखंड-18, रूहेलखंड-45, नार्र्थईस्ट-19, साउथईस्ट-19, पश्चिमी उत्तरप्रदेश-52
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सेंट्रल यूपी- | सीट शेयर | वोट शेयर |
बीजेपी | 28.9 | 25.5 |
बीएसपी | 15.6 | 17.7 |
सपा | 31.1 | 24.6 |
कांग्रेस | 2.2 | 5.9 |
अन्य | 22.2 | 25.7 |
नोटा | 0.0 | 0.3 |
बुंदेलखंड | सीट शेयर | वोट शेयर |
बीजेपी | 27.7 | 21.8 |
बीएसपी | 5.6 | 13.3 |
सपा | 22.2 | 16.5 |
कांग्रेस | 11.1 | 9.7 |
अन्य | 33.3 | 38.5 |
नोटा | 0.0 | 0.3 |
रूहेलखंड | सीट शेयर | वोट शेयर |
बीजेपी | 33.3 | 28.8 |
बीएसपी | 8.9 | 8.6 |
सपा | 35.6 | 29.1 |
कांग्रेस | 0.0 | 3.2 |
अन्य | 22.2 | 29.9 |
नोटा | 0.0 | 0.3 |
उत्तरी उत्तर प्रदेश | सीट शेयर | वोट शेयर |
बीजेपी | 42.1 | 28.3 |
बीएसपी | 10.3 | 12.3 |
सपा | 21.1 | 19.5 |
कांग्रेस | 5.3 | 7.8 |
अन्य | 21.1 | 31.3 |
नोटा | 0.0 | 0.4 |
दक्षिणी उत्तर प्रदेश | सीट शेयर | वोट शेयर |
बीजेपी | 36.8 | 26.1 |
बीएसपी | 26.3 | 22.6 |
सपा | 5.3 | 23.5 |
कांग्रेस | 5.3 | 6.7 |
अन्य | 26.3 | 20.8 |
नोटा | 0.0 | 0.3 |
पश्चिमी उत्तरप्रदेश | सीट शेयर | वोट शेयर |
बीजेपी | 42.3 | 33.8 |
बीएसपी | 19.2 | 15.8 |
सपा | 11.5 | 15.3 |
कांग्रेस | 7.7 | 9.1 |
अन्य | 19.2 | 25.6 |
नोटा | 0.0 | 0.4 |