विकलांगता बनी अभिशाप, नेत्रहीन परीक्षार्थी को राइटर के साथ परीक्षा में नही होने दिया गया दाखिल

punjabkesari.in Monday, Jan 21, 2019 - 11:22 AM (IST)

मेरठः अपनी विकलांगता की कमी के आगे घुटने न टेककर आगे बढ़ते हुए एक नेत्रहीन युवती ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की ग्रुप डी की परीक्षा के लिए आवेदन किया, लेकिन परीक्षा केंद्र पर पहुंचने पर इस युवती की विकलांगता ही उसके आगे बढ़ते हुए कदमों का रोड़ा बन गई। परीक्षा केंद्र पर मौजूद परीक्षा लेने वाले अधिकारियों ने उसे परीक्षा केंद्र से वापस भेज दिया। क्योंकि वो अपने साथ राइटर को लेकर पहुंची थी।इस नेत्रहीन विकलांग युवती ने जब थाने में इस बात की शिकायत की तो वहां से भी इस नेत्रहीन युवती को टरका दिया गया।

दरअसल , बागपत के गोरीपुर गांव की रहने वाली नेत्रहीन युवती गीता पाल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की ग्रुप डी की परीक्षा देने के लिए आवेदन किया था और उसे परीक्षा में बैठने की मंजूरी भी मिल गई थी। गीता अपने साथ परीक्षा में मिलने वाले सवालों का जवाब लिखने के लिए एक राइटर अपने साथ लेकर परीक्षा केंद्र पर पहुंची, लेकिन परीक्षा केंद्र पर मौजूद परीक्षा लेने वाले अधिकारियों ने राइटर को गीता के साथ अंदर जाने से मना कर दिया और गीता को परीक्षा केंद्र से वापस भेज दिया। गीता ने इस बात की शिकायत नौचंदी थाना पुलिस से की तो वहां से भी गीता को कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला, बल्कि गीता को थाने से टरका दिया गया।

गीता ने बताया कि नेत्रहीन होने के बावजूद उसने परीक्षा के लिए आवेदन किया था और उसका फॉर्म भी मंजूर कर लिया गया था। जिसके बाद ही उसे परीक्षा स्थल पर जाकर परीक्षा देने के लिए एडमिट कार्ड भी मिल चुका था, लेकिन परीक्षा केंद्र पर मौजूद अधिकारियों ने परीक्षा देने से रोक दिया।



 

Tamanna Bhardwaj