कृषि मंत्री शाही सूर्य प्रताप शाही बोले- प्राकृतिक खेती के विकास के लिए गठित होगा बोर्ड

punjabkesari.in Monday, Sep 26, 2022 - 07:27 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोमवार को बताया कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती के विकास के लिए ‘प्राकृतिक कृषि बोडर्' का गठन किया जाएगा। शाही ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रदेश प्राकृतिक खेती से जुड़े गौ पालन सहित सभी पहलुओं पर ध्यान देने में यह बोडर् अहम भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 28 से 30 सितंबर तीन दिवसीय कार्यक्रम प्रशिक्षण और अध्ययन के लिए राज्य सरकार का एक दल कुरुक्षेत्र के गुरुकुल जाएगा। इस दल में कृषि, गन्ना, उद्यान मंत्री, कृषि राज्य मंत्री समेत विभाग के अधिकारी, वैज्ञानिक और किसान शामिल होंगे।  

कृषि मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में प्रदेश में गौ आधारित प्राकृतिक खेती, जीवामृत, बीजामृत पर आधारित खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए योगी सरकारी कई योजनाएं भी चला रही है। इसी क्रम में इसे बढ़ाने के लिए प्रदेश का एक दल प्राकृतिक खेती के अध्ययन और प्रशिक्षण के लिए कुरुक्षेत्र के गुरुकुल जाएगा।   इस दल में स्वयं उनके अलावा गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, कृषि राज्य मंत्री, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि दिनेश चतुर्वेदी और गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. संजय आर भूसरेड्डी के अलावा कृषि से संबंधित विभिन्न विभागों के निदेशक, प्रदेश के सभी चार राज्यपोषित कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र के प्राकृतिक खेती से जुड़े एक वैज्ञानिक आदि शामिल होंगे।

 उन्होंने बताया कि इसके अलावा दल में प्रदेश के बीस से पच्चीस किसान, राज्य प्रशिक्षण केंद्र रेहमानखेड़ा के निदेशक और बीज विकास निगम के प्रबंधन निदेशक भी अध्ययन और प्रशिक्षण के लिए जाएंगे। दल में शामिल सभी सदस्यों को तीन दिवसीय कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर के रूप में ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग से लौटने के बाद सभी लोग अपने जनपदों में अन्य किसानों को ट्रेनिंग देंगे। इसके साथ ही विभिन्न चरणों में नौ क्लाइमेटिक जोन और 75 जनपदों के लिए दूसरे दल को इसी तरह के प्रशिक्षण के लिये भेजा जाएगा।    

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने दो लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर प्राकृतिक खेती का लक्ष्य तय किया है। कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा और उसके विकास के लिए उत्तर प्रदेश प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन किया जाएगा। यह बोडर् प्राकृतिक खेती के लिए लोगों का मार्गदर्शन करने और गाइडलाइन बनाने का काम करेगा। वहीं अगले तीन वर्षों में राज्य और केंद्रीय सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से खासकर बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती, नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग, परंपरागत कृषि विकास योजना, नमामि गंगे योजना और हमीरपुर में करीब 2,14,390 हेक्टेयर जमीन पर जैविक खेती के लिए का लक्ष्य रखा गया है। इसे अभियान चलाकर शुरू किया जाएगा। इस पर अगले चार वर्षों में 3,97 करोड़ 21 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।  कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में मोटे अनाजों के उत्पादन पर भी बल दिया जा रहा है। इसीलिए इस फसली सीजन में 24 जिलों में मक्के और 18 जिलों में बाजरे की खरीद होगी।

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Ramkesh