बुक्कल नवाब को मंदिर में घंटा चढ़ाना पड़ा महंगा, देवबंदी उलेमा ने इस्लाम से किया खारिज

punjabkesari.in Thursday, Apr 19, 2018 - 12:53 PM (IST)

लखनऊः बीते दिनों बुक्कल नवाब ने हनुमान मंदिर में माथा टेकने के साथ वह घंटा भी चढ़ाया। इस के चलते उन्होंने काफी सुर्खियों भी बटोरी थी, लेकिन उन्हें एेसा करना महंगा पड़ा गया है। दरअसल देवबंदी उलेमा ने इस वजह से बुक्कल नवाब को इस्लाम से खारिज कर दिया है। 

इस्लाम से किया खारिज 
बुक्कल नवाब ने यह भी कहा कि राम मंदिर अयोध्या में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बनेगा ? बुक्कल नवाब के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए देवबंदी उलेमा दारूलउलूम अशरफिया के मोहतमिम 'मौलाना सालिम अशरफ कासमी' ने कहा कि इस तरह के बयानों पर मुस्लिम कौम को बेदार होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘किसी को दिखावे के लिए किसी के भी मजहब या रस्म को अपनाना नहीं चाहिए। इससे मजहब कभी मजबूत नहीं होता। इससे कभी हिंदुस्तान मजबूत नहीं होगा। दिखावे के लिए धर्म नहीं होता है, इंसानियत को, मोहब्बत को, वफादारी को और हमदर्दी को आम करना चाहिए।’

अपने इमान को डाल दिया खतरे में 
मौलाना सालिम अशरफ कासमी ने आगे कहा कि बुक्कल नवाब अगर मंदिरों में जाने के बजाए गैर मुस्लिमों के लिए कुछ करते और इंसानियत का भला करते तो खुदा भी खुश होता लेकिन उन्होंने अपने इमान को खतरे में डाल दिया है। हिंदू मजहब के रस्म रिवाज के मुताबिक वहां पूजा-अर्चना करना यकीनन बुक्कल नवाब जैसे आदमी को इस्लाम से खारिज करता है। बुक्कल नवाब को सच्ची तौबा कर के अपने आप को बचाना चाहिए। 

बता दें कि समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी बुक्कल नवाब ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद हजरत गंज स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने हनुमान जी की पूजा-अर्चना की और मंदिर में घंटा भी चढ़ाया। मंदिर में पूजा करने के बाद बुक्कल नवाब ने कहा था कि यह मंदिर उनके पूर्वजों ने बनाया है जिसकी पुष्टि गूगल और गीता प्रेस की किताबों से होती है।

Ruby