ब्रज क्षेत्र को सांस्कृतिक पर्यटन से जोड़ा जाएगा: मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी

punjabkesari.in Monday, Mar 26, 2018 - 12:04 PM (IST)

मथुराः उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र को सांस्कृतिक पर्यटन से जोड़कर राज्य सरकार ब्रजभूमि की सांस्कृतिक धरोहर का सदुपयोग करेगी और पर्यटन के नए आयाम विकसित किए जाएंगे। प्रदेश के संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि इसके लिए विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए टूरिस्ट एजेंसियों के कार्यक्रम में मथुरा संग्रहालय के भ्रमण को जोडऩे के प्रयास किये जा रहे हैं।

प्रदेश के संस्कृति सचिव को इस दिशा में प्रयास करने लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है, संस्कृति को पर्यटन से जोड़ा जाए ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हाल में बरसाना में सम्पन्न हुए होली महोत्सव में जिन बंबों (नगाड़ों) का प्रयोग किया गया उनकी मांग होने लगी है। 

उन्होंने बताया कि महोत्सव के बाद ही फैजाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति का फोन उनके पास आया था जिसमें उन्होंने यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस के लिए बंबों की मांग की थी तथा बाद में जिसमें 15 नगाड़ों को भेजा गया था। नगाड़ों के वहां भेजने से रोजगार के अवसर खुले हैं। मंत्री का कहना है कि संस्कृति के प्रचार प्रसार से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि आर्थिक पक्ष भी मजबूत होगा। 

मथुरा के जिलाधिकारी से भी कहा गया है कि वे ब्रज में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की भ्रमण सूची में गोवर्धन, गोकुल, वृन्दावन,बरसाना, नन्दगांव ,राधाकुंड, बलदेव के साथ साथ राजकीय संग्रहालय को भी शामिल करें।  चौधरी ने कहा कि देश में पर्यटन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का विशिष्ट स्थान है। यहां राम, कृष्ण की जन्मभूमि और बुद्ध की तपस्थली है तो यहां के राजकीय संग्रहालय का एक अनुपम स्थान है। इसमें रखी मूर्तियां पूरे विश्व में मशहूर हैं इसी कारण विदेशी अतिथियों को जब कोई भेंट दी जाती है तो उसमें मथुरा संग्रहालय की मूर्तियों की झलक मिलती है।  

उन्होंने कहा कि ब्रजभूमि की खुदाई में निकली कलाकृतियां बताती हैं कि ब्रजभूमि प्रेम का संदेश देने के साथ साथ कलाकृतियों में सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विरासत की दृष्टि से यूपी में मथुरा का विशिष्ट स्थान है। गीता का संदेश देनेवाले श्रीकृष्ण ब्रजभूमि में ही पैदा हुए। संगीत के महत्व को श्रीकृष्ण ने ही दर्शाया था। आज भी ब्रजभूमि में श्रीकृष्ण, उनके सखा एवं राधारानी की क्रीड़ाओं एवं प्रेम के जीवन्त चिन्ह विद्यमान हैं जो पर्यटकों के लिए मनोहारी बन सकते हैं।

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