गजब! दूल्हे को मंडप में छोड़ काउंसिलिंग के लिए पहुंची दुल्हन, सरकारी टीचर बन हुई व‍िदाई

punjabkesari.in Saturday, Dec 05, 2020 - 03:58 PM (IST)

गोंडा: शादी का दिन लड़के और लड़की दोनों के लिए बहुत खास होता है। खासकर लड़की इस दिन के लिए हजारों सपने देखती है। हालांकि कुछ लड़कियां तो शादी के लिए अपनी जॉब तक को छोड़ देती हैं, लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश के गोंडा से एक ऐसा मामला सामने आया है।

जिससे यह पता चलता है कि एक लड़की के लिए अगर शादी जरूरी है तो उतनी ही जॉब भी। इसलिए तो यह दुल्हन अपनी शादी की रस्में छोड़ सीधे काउंसलिंग सेंटर जा पहुंची।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के गोंडा की रहने वाली प्रज्ञा की। जिसके लिए शादी के साथ-साथ नौकरी भी जरूरी थी और इसी लिए वह शादी की रस्में छोड़ नौकरी लेने पहुंच गई। हाथों में मेंहदी, कलाई में चूड़ीयां, मांग में सिंदूर और हाथों में कागज पत्र लिए इस दुल्हन की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। 

प्रज्ञा के शादी वाले दिन ही बीएसए दफ्तर में काउंसिलिंग थी ऐसे में प्रज्ञा बिना समय गवाए बीएसए दफ्तर पहुंच गईं, लेकिन इस दौरान प्रज्ञा का पति मंडप में ही बैठा रहा।

प्रज्ञा की शादी बुधवार को थी और वह 5 फेरों के बाद सीधे बीएसए दफ्तर पहुंच गई। काउंसलिंग का समय फिक्स था इसलिए प्रज्ञा ने बाकी रस्में छोड़ दी और अपने कागज-पत्र लेकर नौकरी के लिए निकल पड़ी। वहां लाइन में लग प्रज्ञा ने अपने कागज पत्र चेक करवाए। शादी की खुशी तो प्रज्ञा को थी ही साथ ही जब उसके हाथ नौकरी लगी तो प्रज्ञा की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।  नौकरी मिलने के बाद प्रज्ञा ने वापिस जाकर शादी की सारी रस्में पूरी की।

मेरे लिए करियर बहुत मायने रखता है : प्रज्ञा
प्रज्ञा की मानें तो उसके लिए करियर बहुत महत्व रखता है। यही कारण है कि उन्होंने शादी की रस्मों को बीच में छोड़ दिया और काउंसिलिंग के लिए पहुंची। वापिस जाकर जब उन्होंने सारी रस्में पूरी की तो फिर जाकर पति के साथ उनकी विदाई हुई।

बता दें कि प्रज्ञा गोंडा में शिक्षक पद पर नियुक्त हुई हैं। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। वहीं  प्रज्ञा  ने यह भी कहा कि हर लड़की को पढ़ना चाहिए और अपने पैरों पर खडे़ होना चाहिए। 

सच में प्रज्ञा के इस जज्बे को हम सलाम करते हैं। प्रज्ञा की इस सोच को आज सभी लड़कियों को अपनाना चाहिए ताकि वह भी सशक्त बन सकें। 

Tamanna Bhardwaj