Brij Bhushan Singh के अधिवक्ता बोले- ''उन्हें आभास हो गया है कि यह नाबालिक वाला मामला नहीं है, इसलिए आरोप वापस ले लिए''

punjabkesari.in Monday, Jun 05, 2023 - 03:43 PM (IST)

Brij Bhushan Singh, (ओम चन्द शर्मा): महिला पहलवान खिलाड़ियों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह का मामला देख रहे सीनियर अधिवक्ता एपी सिंह ने नाबालिग द्वारा लगाए गए सारे आरोप को वापस लेने के मामले पर बोलते हुए कहा कि,  निश्चित तौर पर झूठ के पैर नहीं होते हैं। इसलिए उन्होंने ऐसा किया है, उन्हें आभास हो गया है कि अब यह नाबालिक वाला मामला नहीं है। मैं बहुत पहले से आप लोग के माध्यम से कह रहा हूं कि किसी भी व्यक्ति का जन्म एक ही बार होता है। यहां पहले हुआ फिर 3 साल बाद जन्म हो गया। तो इस तरह से यह आरोप झूठे थे और एक साजिश के तहत थे।



अधिवक्ता ने कहा कि, जनवरी में जिस तरह यह खिलाड़ी जंतर मंतर पर आए थे तो न पाक्सो थी न इनके स्वयं के साथ कोई था। तो उन्होंने कहा था कि किसी और के साथ हुआ है। लेकिन जनवरी फरवरी मार्च और अप्रैल में आते आते उनके साथ भी हो गया और पॉक्सो भी हो गया। पॉक्सो का दुरुपयोग इस देश में लगातार हो रहा है, इसलिए अब समय आ गया है कि ऐसी धाराओं में आमूलचूल परिवर्तन हो। जो इनका दुरुपयोग हो रहा है, क्योंकि इनका दुरुपयोग राजनीतिक लोग, साजिश वाले लोग, जो सही पीड़ित हैं, असली पीड़ित हैं, वह तो पीछे रह जाते हैं, लेकिन जो इसका दुरुपयोग करने वाले लोग हैं वह आगे आ जाते हैं। वहीं, कहा कि अब इस देश में जिस तरह से महिला आयोग, महिला मंत्रालय, महिला हेल्पलाइन, महिला हेल्पडेस्क और महिला थाना और महिला स्पेशल कोर्ट है, इसलिए अब इस देश में पुरुष आयोग, पुरुष हेल्पलाइन, पुरुष के लिए स्पेशल कोर्ट और पुलिस के लिए कमीशन और पुरुष के लिए भी मंत्रालय होना चाहिए।



खाप पंचायत में चंद्रशेखर आजाद के बयान पर जवाब देते हुए, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ए पी सिंह ने कहा कि यह हेट स्पीच है। क्या अगर उत्तर प्रदेश के लोग अपने माननीय सांसद बृजभूषण शरण सिंह के साथ 30 वर्षों से जुड़े होने वाले वह लोग जो गुवाहाटी से चौपाटी तक कन्याकुमारी से कश्मीर तक उनके साथ हैं, अगर इस वर्ल्ड पर कोई असामाजिक बातें करने लगे, धार्मिक गैरकानूनी असंसदीय भाषा का प्रयोग इस देश के लोकतंत्र की सबसे बड़ी खाप पंचायत के चुने हुए सदस्य के साथ कहा है और इसलिए सर्वोच्च न्यायालय हेट स्पीच के बारे में लगातार कानून बना चुका है और कह चुका है कि ऐसे मामलों में राज्य की सरकार और राज्य की पुलिस स्वतः संज्ञान लेकर ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन ले।

Content Editor

Pooja Gill