सहारनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर BSP व BJP में हो सकता है मुकाबला

punjabkesari.in Wednesday, May 05, 2021 - 06:25 PM (IST)

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पंचायत चुनाव के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सत्तारुढ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी  (बसपा) के बीच हो सकता है मुकाबला । इस चुनाव में भाजपा के 14 सदस्य जीते है और पिछले चुनावों की तुलना में यह पार्टी  की बड़ी सफलता है। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष के पद के लिए 11 सदस्य कम है। बसपा के भी पिछले चुनाव की तुलना में इस बार पांच सदस्य कम जीते है और उसके पास 16 सदस्य है। अपना अध्यक्ष बनवाने के लिए बसपा को नौ अतिरिक्त सदस्यों की जरूरत पडेगी।कांग्रेस नेता इमरान मसूद के पास उनकी पार्टी  के समर्थित आठ निर्वाचित सदस्य है जबकि समाजवादी पार्टी  के भी पांच सदस्य चुने गए है। चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी  की दो महिला सदस्य चुनी गई है।  इस पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी विनोद तेजयान एडवोकेट के मुताबिक विपक्षी दलों की कोशिश भाजपा को रोकने की रहेगी। इसमें पिछली बार की तरह इमरान मसूद की भूमिका निर्णायक हो सकती है। बसपा में देवबंद ब्लाक क्षेत्र के वाडर् 32 से चुने गए सदस्य माजिद अली और वाडर् 19 से चुनी गई शिमला देवी गुर्जर का दावा मजबूत है। शिमला देवी देवबंद विधानसभा क्षेत्र से बसपा के प्रभारी नवीन खटाना की माता है। माजिद अली की पत्नी तसमीमा बेगम पिछली बार जिला पंचायत की अध्यक्ष बनी थी।

भाजपा जिलाध्यक्ष डा. महेंद्र सैनी ने बताया कि वाडर् नंबर एक से चुने गए पार्टी  के पूर्व जिलाध्यक्ष बिजेंद्र कश्यप, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रही और वाडर् 35 से चुनी गई गायत्री चौधरी, वाडर् 43 से चुने गए मुकेश चौधरी गुर्जर और 37 से चुने गए चौधरी मांगेराम की दावेदारी है। पार्टी आलाकमान सभी परिस्थितियों का आंकलन कर उम्मीदवार तय करेगी। चुनाव नतीजे भले ही भाजपा के लिए उत्साहवर्द्धक रहे है लेकिन बसपा से आकर नकुड़ विधानसभा क्षेत्र से अबकी चौथी बार विधायक चुने गए और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. धर्म सिंह सैनी के नकुड़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का कोई सदस्य नहीं जीत सका। इस क्षेत्र के ब्लाक सरसावा के चार वाडरं 12 से बसपा की अंजेसना सैनी, वाडर् 13 से बसपा के राहुल, वाडर् 14 से इमराना और वाडर् 15 से कविता पत्नी सूरजमल प्रधान जीती है।

कैराना लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद प्रदीप चौधरी के प्रभाव वाले क्षेत्र में भी भाजपा का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुसार नहीं रहा। प्रत्याशियों के उपयुक्त चयन नहीं होना हार का कारण माना जा रहा है। वाडर्-20 से गुर्जर बिरादरी के सुशील चौधरी जीते है। जो पूर्व में भाजपा के जिला महामंत्री रह चुके है। वाडर्-21 से जीती भाजपा की सविता सैनी की उम्मीदवारी भाजपा जिलाध्यक्ष डा.महेंद्र सैनी की पैरोकारी के चलते हुई थी। भाजपा नेता महावीर राणा पूर्व विधायक के मुजफ्फराबाद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के सात में से चार सदस्य जीते है। देवबंद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक ब्रिजेश रावत के चार वाडरं में से दो पर भाजपा जीती है। इसमें वाडर् 29 में भाजपा की जीत दिवंगत भाजपा नेता रामपाल पुंडीर के परिवार के समर्थन के चलते हुई। चुनाव नतीजो से संकेत मिलता है कि भाजपा को उसके मौजूदा जन प्रतिनिधियों का कोई लाभ नहीं हुआं। समीक्षकों के मुताबिक जिला पंचायत चुनाव पर किसान आंदोलन का भी कोई असर नहीं हुआ।   किसान आंदोलन का प्रभाव जाट बिरादरी तक सीमित रह गया। सहारनपुर उससे अछूता है। जिले के 49 चुने गए सदस्यों में 19 महिलाएं 15 मुस्लिम और 13 दलित सदस्य है। तीन निर्दलीय चुने गए, एक भारतीय किसान यूनियन के प्रांतीय उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार के पुत्र अभिषेक वाडर्-36 से जुने गए है।
 


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Ramkesh

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