BSP का आखिरी ब्राह्मण सम्मेलन आज: मायावती 75 जिलों से आए ब्राह्मण कोआर्डिनेटर्स से करेंगी संवाद

punjabkesari.in Tuesday, Sep 07, 2021 - 12:56 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी राजनितिक दल अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुट गए हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी नजर ब्राह्मण वोट बैंक पर गड़ाए हुए हैं। इसी बीच बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती आज लखनऊ में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित करेंगी। इसके साथ ही लखनऊ में मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय पर यह बसपा का आखिरी ब्राह्मण सम्मेलन होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि 2019 लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार मायावती सार्वजनिक मंच पर साझा कर रही हैं। 

बसपा का 75वां ब्राह्मण सम्मेलन आज
बता दें कि 23 जुलाई को बसपा राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की अगुवाई में अयोध्या से ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत की थी। जो अब तक 74 जिलों में हो चुका है। 75वां अंतिम सम्मेलन मंगलवार आज लखनऊ में है। समापन सम्मेलन में सभी 75 जिलों के ब्राह्मण कोऑर्डिनेटर को भी बुलाया गया है। इसके लिए खास तैयारियां की गई हैं। पार्टी कार्यालय के बाहर और अंदर एलईडी टीवी लगाई गई है, जिससे मायावती द्वारा दिया जाने वाला संदेश साफ तौर पर लोगों को सुनाई पड़ सके। इस दौरान मायावती, मिशन-2022 का एजेंडा कैसा होगा? यह कार्यकर्ताओं को बताएंगी। इसे बसपा अध्यक्ष की तरफ से मिशन 2022 के आगाज के तौर पर देखा जा रहा है।

यूपी में 13 फीसदी ब्राह्मण वोटर्स
गौरतलब है कि आबादी के लिहाज से यूपी में लगभग 13% ब्राह्मण हैं। कई विधानसभा सीटों पर तो 20% से ज्यादा ब्राह्मण वोटर्स हैं। ऐसे में हर पार्टी की नजर इस वोट बैंक पर टिकी है। बलरामपुर, बस्ती, संत कबीर नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, जौनपुर, अमेठी, वाराणसी, चंदौली, कानपुर, प्रयागराज में ब्राह्मण वोट 15% से ज्यादा हैं। यहां उम्मीदवार की हार-जीत में ब्राह्मण वोटर्स की अहम भूमिका होती है। 2017 में 56 सीटों पर ब्राह्मण उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी। 2007 में मायावती ने 86 टिकट ब्राह्मणों को दिए थे। जिसमें बसपा ने  ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम समीकरण पर चुनाव लड़ा तो उनकी सरकार बन गई।

योगी के 56 मंत्रियों में सिर्फ 8 ब्राह्मण, नाराजगी की बड़ी वजह
पिछले 3 साल से यूपी में ब्राह्मण भाजपा सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं। जानकारों द्वारा इसके पीछे के कई तर्क भी दिए जा रहे हैं। लोगों की मानें तो सर्वप्रथम योगी मंत्रिमंडल में ब्राह्मणों को सही तवज्जों नहीं दी गई। 56 मंत्रियों के मंत्रिमंडल में 8 ब्राह्मणों को जगह दी गई, लेकिन दिनेश शर्मा और श्रीकांत शर्मा को छोड़ किसी को अहम विभाग नहीं दिए गए। वहीं 8 क्षत्रियों को मंत्री बनाया गया तो उन्हें ब्राह्मणों से बेहतर विभाग दिए गए। जिसकी वजह से ब्राह्मण खासकर योगी से नाराज बताए जा रहे है। इसी नाराजगी को सपा, बसपा और कांग्रेस जैसी अन्य राजनीतिक पार्टियां साधने में जुटी हैं।

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Umakant yadav