Love Triangle में हुई कानपुर में कारोबारी के बेटे की हत्या, काफी समय से चल रही थी प्लानिंग

punjabkesari.in Tuesday, Oct 31, 2023 - 04:41 PM (IST)

कानपुर: आचार्य नगर निवासी सूरत के एक बड़े कारोबारी मनीष कनोडिया के बेटे कुशाग्र (16) की अपहऱण के बाद हत्या कर दी गई है। आज सुबह कुशाग्र का शव फजलगंज थानाक्षेत्र में मिला। पुलिस ने ट्यूशन पढ़ाने वाली महिला शिक्षिका और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है। इसमें मुख्य आरोपी प्रभात शुक्ला है, जिसने वारदात को अंजाम दिया। तीनों आरोपी पिछले तीन दिन से हत्या का प्लान बना रहे थे। इसके बाद सही मौका देखकर सोमवार को हत्या कर दी। 

इस बारे में डीसीपी सेन्ट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कुशाग्र शाम 4 बजे अपने घर से ट्यूशन पढ़ने के लिए निकलता था। पिछले 3 दिनों से कुशाग्र के पीछे प्रभात और शिवा घूम रह थे। उसकी हर गतिविधि पर नजर रख रहे थे। सोमवार को जब कुशाग्र निकला तो उसके आचार्य नगर स्थित घर से थोड़ी दूर पर जरीब चौकी के पास प्रभात पहुंचा और उसने कुशाग्र से कहा आओ बैठो। तुम्हें कोचिंग ड्राप कर देते हैं। 

कुशाग्र रचिता की वजह से प्रभात को पहचानता था, क्योंकि साल भर पहले रचिता कुशाग्र को पढ़ाने उसके जब घर जाती थी तो उसे प्रभात ही ड्राप करता था। विश्वास में आकर जब कुशाग्र प्रभात के साथ बैठ गया तो वह उसे लेकर अपने ओमपुरवा वाले घर पहुंचा। प्रभात ने रास्ते में कुशाग्र से कहा था, चलो तुम्हे कॉफी पिलाते हैं। फिर प्रभात उसे अपने घर के अंदर ले गया और हाता नुमा घर के कमरे में पहुंचते ही उसने कुशाग्र को बेहोश कर दिया। फिर उसका गला घोंटा और मार दिया। इस्के बाद प्रभात ने ये बात रचिता और शिवा को बता दी थी।

7 बजे से पहले कुशाग्र की हत्या हो चुकी थी...
शाम 7 बजे से पहले कुशाग्र की हत्या हो चुकी थी। इसके बाद रात में 8 बजे के आसपास शिवा स्कूटर लेकर कुशाग्र के घर पहुंचा। वहां पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने नीचे से कुशाग्र के अपार्टमेंट वाले घर में पत्थर फेंका। सभी आरोपियों ने ये सोचा था कि परिजन अपहरण मानकर उन्हें मोटी रकम दे देंगे। क्योंकि रचिता ने प्रभात और शिवा को बताया था कि कुशाग्र के घर पर अच्छा-खासा पैसा है। जब शिवा वापस आया, उसके बाद पुलिस हरकत में आ गई। इसी बीच आरोपियों ने बॉडी कहीं दूर फेंकने का भी प्लान बनाया था।

कुशाग्र की ट्यूशन टीचर व आरोपी रचिता पिछले एक साल से उसके भाई आदित्य को पढ़ाती थी। इसी वजह से रचिता का कुशाग्र के घर पर आना-जाना भी था। पुलिस को मुख्य आरोपी प्रभात ने बताया कि वो ये बात जान चुका था कि कुशाग्र और रचिता के बीच अफेयर जैसी बातें हैं। जबकि कुशाग्र की उम्र 17 साल थी और रचिता की 21 साल। मुख्य आरोपी प्रभात ने कुशाग्र की हत्या के बाद उसका मोबाइल फोन जरीब चौकी स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर फेंक दिया था। जिससे पुलिस को उस पर शक न हो।

क्या है मामला? 
बता दें कि कुशाग्र सोमवार शाम 4 बजे से रहस्यमय तरीके से लापता है। वह घर से कोचिंग के लिए निकला था लेकिन लौटा नहीं। परिजनों ने अपहरण की बात कही है। सूत्रों ने बताया कि उसके घर पर एक आतंकी संगठन के नाम का पत्र आया है जिसमें लिखा है कि हमारी बातें मान लो, पैसा दे दो, हम तुम्हारा त्योहार खराब नहीं करना चाहते। कई थानों की फोर्स और अफसर मौके पर हैं। 30 लाख की फिरौती मांगने की बात सामने आई है। कोचिंग पढ़ाने वाली महिला का भी मामले से लिंक होने का पता चला था। फिलहाल पुलिस ने उसे उठा लिया है।

आचार्य नगर के भगवती विला अपार्टमेंट में सूरत के एक बड़े कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया का परिवार रहता है। परिजनों ने बताया कि शहर के नामी स्कूल जयपुरिया में कक्षा 10 में पढ़ने वाला उनका बेटा कुशाग्र (16) सोमवार शाम करीब 4 बजे घर से स्वरूपनगर की कोचिंग के लिए निकला था लेकिन शाम 7 बजे तक नहीं लौटा तो परिजनों ने तलाश शुरू की। पिता ने फोन किया तो उसका मोबाइल बंद मिला। इसके बाद दोस्तों से पूछा तो पता चला कि वह कोचिंग पढ़कर जा चुका। इसके बाद सभी जगह खोजबीन के बाद पुलिस को अपहरण की सूचना दी गई।

परिजनों ने बताया कि रात 8.47 बजे एक नकाबपोश स्कूटी से आया था और गार्ड को एक पत्र यह कहकर दिया कि कनोडिया साहब को दे आओ। स पर गार्ड ने कहा आप खुद ही दे आओ। इस पर मुंह पर रुमाल बांधे स्कूटी सवार युवक ऊपर गया और कनोडिया के फ्लैट के बाहर पत्र फेंक गया। बाद में परिजनों को पत्र मिला तो अपहरण का पता चला।

Content Writer

Tamanna Bhardwaj