World Environment Day 2022: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले- देश 2030 तक अपनी 50 फीसदी ऊर्जा जरूरतें अक्षय स्रोतों से पूरा करेगा

punjabkesari.in Sunday, Jun 05, 2022 - 07:31 PM (IST)

लखनऊ: केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को कहा कि भारत ने 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50 फीसदी हिस्सा अक्षय ऊर्जा स्रोतों से पूरा करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। सिंह ने पंचायतों को कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिए सहजन या मोरिंगा, पीपल, नीम और जामुन का पौधा लगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आज हमें उस पौधे की जरूरत है जो कार्बन को अवशोषित करने के साथ ही आजीविका के लिए भी जरूरी हो।

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ‘कांफ्रेंस ऑफ पंचायत-2022' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रति व्यक्ति 320 किलोग्राम कार्बन का उत्सर्जन करता है, इसलिये सभी पंचायतों को कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिये सहजन या मोरिंगा,पीपल,नीम और जामुन का वृक्ष लगाना चाहिये। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तय किया है कि सबसे पहले भारत अक्षय स्रोत से ऊर्जा उत्पादन को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा और 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को एक अरब टन कम करेगा। मंत्री ने कहा कि भारत का लक्ष्य 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के स्तर को हासिल करना है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के पंचामृत के सूत्र के अलावा भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौर ऊर्जा गठबंधन पर एक समझौता किया है जिससे पूरे देश में अक्षय ऊर्जा का एक जाल बिछेगा। उन्होंने कहा कि गंगा नदी को निर्मल रखने के बजट में 288 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है। विकसित देशों पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि विकसित देशों ने जितना प्रकृति का दोहन किया है, विकासशील देशों ने उसका पांच प्रतिशत भी दोहन नहीं किया है। यहां जारी एक सरकारी बयान के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि वर्ष 2014 की तुलना में भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में 1900 प्रतिशत की वृद्धि की है।

सिंह ने कहा कि दुनिया की लगभग 18 प्रतिशत जनसंख्या भारत में निवास करती है, जबकि देश के पास दुनिया की केवल 2.4 फीसद जमीन और चार फीसदी पीने का पानी है। लेकिन भारत की कार्बन उत्सर्जन में सिर्फ पांच प्रतिशत की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का परिणाम भारत सहित पूरी दुनिया भुगत रही है, जिसके लिये भारत प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा दे रहा है। गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत सरकार प्रति वर्ष पंचायतों को सम्मानित करती है, लेकिन इस वर्ष का सर्वश्रेष्ठ पंचायत का पुरस्कार उसे दिया जाएगा जो पंचायत जीरो कार्बन फुटप्रिंट पर आधारित होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से भारत में अक्षय ऊर्जा उत्पादन 100 गीगावाट तक पहुंच गया है।

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Mamta Yadav