विकास के पंख लगेंगे जब NCR में शामिल हाेगी कान्हा की नगरीः हेमा मालिनी

punjabkesari.in Wednesday, Sep 09, 2020 - 03:01 PM (IST)

मथुराः सिने जगत से राजनीति में आई मथुरा की सांसद हेमामालिनी ने कहा है कि मथुरा के एनसीआर में शामिल हो जाने से कान्हा की नगरी में पर्यटन, विकास और रोजगार की संभावनाओं को पंख लग जाएंगे। हेमामालिनी ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा कि मथुरा के एनसीआर में शामिल होने के बाद यहां की आधारभूत सुविधाएं दिल्ली जैसी हो जाएंगी जिससे पर्यटक यहां आने के बाद रूकने लगेंगे।

उन्होंने कहा कि सांसद बनने के बाद उन्होंने यहां की भौगोलिक, सांस्कृतिक परिस्थितियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। पाया कि वास्तव में मथुरा में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। यदि यहां की आधारभूत सुविधाओं को बेहतर कर दिया गया तो न केवल यहां पर अंतररष्ट्रीय पर्यटक आने लगेंगे बल्कि यहां का विकास भी होगा तथा लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि मथुरा की होली पहले से ही अन्तररष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करती रही है । इसके अलावा यहां का मुख्य संग्रहालय एवं जैन संग्रहालय विश्व स्तर के हैं । मुख्य संग्रहालय में तो न केवल गौतमबुद्ध की मूर्तियों का खजाना है बल्कि यहां की अन्य मूर्तिया अपने अन्दर ऐसे इतिहास को समेटे हुए हैं जिसकी खोज में पर्यटक भटक रहे हैं। यहां का चुनरी मनोरथ कार्यक्रम अपने आप में अनूठा है तो गोवर्धन के कुसुम सरोवर औैर वृन्दावन के केसी घाट पर वैले आदि के माध्यम से ब्रज की अनूठी संस्कृति को परोसा जा सकता है।

कुछ परिवर्तन करके वृन्दावन के सेवाकुज को ''मंकी सफारी '' का रूप दिया जा सकता है। विश्रामघाट मथुरा की आरती अपने आप में अनूठी है। सिने तारिका ने कहा कि पुरातात्विक द्दष्टि से कुसुम सरोवर का पर्यावरण ताजमहल से बेहतर इसलिए बनाया जा सकता है कि यही वह स्थल है जहां पर उस समय हिट हुई ''मुगले आजम'' फिल्म के अंश का फिल्मांकन किया गया था। गोवर्धन परिक्रमा जहां आध्यात्म के पन्ने खोलती है, वहीं चैरासी कोस की परिक्रमा इतनी मनोहारी और चकाचौध करनेवाली है कि उसकी अनुभूति ही उसका वर्णन कर सकती है । चौरासी कोस परिक्रमा के माध्यम से तेज चलने, दौड़ने जैसे आयोजन किये जा सकते हैं। बरसाना की गहवरवन की परिक्रमा निराली है तथा यहां पर भी कुछ बदलाव कर खेलों का भी आयोजन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि यहां की आधारभूत सुविधाएं बेहतर हो जाएंगी और अन्तररष्ट्रीय ट्रैवेल एजेंसियों के माध्यम से उनका प्रचार प्रसार हो जाएगा तो आगरा जानेवाला पर्यटक यहां न केवल रूकेगा बल्कि यहां मौजूद पर्यटन निधि का आनन्द भी लेगा।

 

 


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Ajay kumar

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