मुगलों से अस्मत बचाने के लिए कैमासन और मैमासन ने दे दी थी जान, याद में बनी है मंदिर…VIDEO

punjabkesari.in Saturday, Oct 21, 2023 - 10:29 PM (IST)

झांसी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में पहाड़ी पर स्थित कैमासन मंदिर में भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है…मान्यता है कि कैमासन मंदिर का बुंदेलखंड में बड़ा महत्व है…यह मंदिर असम के मां कामाख्या मंदिर के समान है…एक समय में यह तंत्र पूजा का विशेष स्थान रहा है…मंदिर में विशाल विजय दीप स्तंभ पर आज भी श्रद्धालु दीप प्रज्जवलित करते है...मंदिर में 136 सीढ़ियां चढ़ने के बाद मां के दर्शन होते हैं...लोगों की मान्यता है कि इन मंदिरों में मांगी गई सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं...लोग बताते है कि मुगलकाल में दो बहनों ने यहां सुसाइड कर लिया था....

वहीं मंदिर के पुजारी बताते हैं कि 17वीं शताब्दी के अंत और 18वीं शताब्दी की शुरुआत काल में जब एरच कालपी और आसपास के स्थान पर मुगल शासन चल रहा था...उसी समय झांसी जिले में कैमासन और मैमासन नाम की दो बहने रहती थी...दोनों बहने बहुत ज्यादा सुंदर थी...दोनों बहनों के सुंदरता के चर्चे दूर-दूर तक थे...जब दोनों बहनों के सुंदरता के चर्चे मुगल शासक को सुनाई दिए...फिर उसके बाद मुगल शासको ने दोनों बहनों को देखने के अलावा दोनों बहनों को पाने के लिए झांसी की तरफ रुख कर दिया....जैसे ही दोनों बहनों को सूचना मिली कि उनकी असमत को लूटने के लिए मुगल शासक झांसी पहुंच गए हैं...ऐसे में अपनी आबरू को बचाने के लिए दोनों बहनों ने अलग-अलग पहाड़ पर आत्महत्या करने के लिए दौड़ लगा दी...बड़ी बहन कैमासन ने एक पहाड़ी से कूद कर अपनी जान दे दी...तो छोटी बहन मैमासन ने भी उससे थोड़ी दूरी पर स्थित पहाड़ी से कूदकर अपने प्राण त्याग दिए...
 

कैमासन और मैमासन मंदिरों में दोनों बहनों को याद कर भक्त मंदिर में मत्था टेकने आते हैं और दावा करते हैं कि कैमासन और मैमासन दोनों सगी बहने मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले भक्तों की हर मनोकामनाओं को पूर्ति करती हैं...जिस तरह से दोनों सगी बहनें सुंदर थी...उसी तरह से दोनों सगी बहनों की याद में बनाए गए दोनों मंदिर भी बेहद आकर्षक और सुंदर है...बता दें कि इस मंदिर की देख-रेख का जिम्मा इंडियन आर्मी के पास है..जब से झांसी में यह क्षेत्र आर्मी के कब्जे में आया है तब से मंदिर का सुंदरीकरण हुआ...ब मंदिर में बहुत दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं...

Content Writer

Mamta Yadav