क्वारी नदी के पानी पर दंबग किसानों का कब्जा, चंबल में मची त्राहि-त्राहि

punjabkesari.in Friday, Apr 28, 2017 - 11:28 AM (IST)

इटावा: चंबल के बीहड से होकर गुजरने वाली 5 नदियों में से एक क्वारी नदी का पानी मध्यप्रदेश के दंबग किसानों द्वारा लंबे समय से रोके जाने से यहां पानी को लेकर त्राहि- त्राहि मची है। इटावा और आसपास के किसान मानते है कि क्वारी नदी सूख गई है मगर हकीकत में इस नदी के पानी पर मध्यप्रदेश के दंबग किसानों ने डाका डाल रखा है। त्राहि- त्राहि का आलम यह है कि आम इंसान तो इस आपदा से परेशान है ही पशु पक्षी भी पानी की कमी के चलते मौत के मुंह मे समा रहे है।

क्वारी नदी 5 उन नदियों में से एक है जिनके नाम पर इटावा में पंचनदा होने की पहचान मिली हुई है। क्वारी नदी सूख जाने से इटावा की पंचनदा की पहचान सिर्फ कागजों मे सिमट करके रह गई है। चंबल सेेेंचुरी के वन्य जीव प्रतिपालक सुरेशचन्द राजपूत का कहना है कि क्वारी नदी के सूखने से जंगलो में विचरण करने बाले वन्य जीव पानी की तलाश में जगल के निकटवर्ती गावो में घुसपैठ कर रहे है इससे इन्कार नही किया जा सकता लेकिन चम्बल नदी में पर्याप्त पानी होने के कारण वन जीवों को पानी का अभाव नहीं है।

ग्राम पंचायत सिन्डौस के पूर्व प्रधान सज्जन सिह राजावत ने क्वारी नदी के सूखने के कारणों को बताते हुए कहा कि आज से लगभग 15 वर्ष पूर्व यह पूरा क्षेत्र दस्यु प्रभावित था जिस कारण कछारी भूमि मे खेती नहीं होती थी और दस्यु दलों के खौफ के चलते कोई भी किसान नदी के पानी को रोकने की हिम्मत नही जुटा पाता था। अब मुरैना से लेकर भिन्ड सीमा तक कई जगह नदी का पानी रोककर सिंचाई की जा रही है जिस कारण पानी नदी के निचले भाग तक नहीं आ पाता है। क्वारी नदी के असितत्व को बचाने के लिए जरूरी है कि इटावा जनपद की सीमा मे कम से कम चार बडे चैक डैम क्वारी नदी पर बनाए जाए ताकि समस्या का स्थाई समाधान हो सके।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक श्रीमती सावित्री कठेरिया तक इलाकाई लोगों ने क्वारी नदी के सूखने की व्यथा सुनाई जिस पर उन्होने क्वारी नदी मे तीन डैम बनाए जाने का प्रस्ताव बना कर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के जिम्मेदार अफसरों तक पहुंचा दिया है बहुत जल्द ही इन तीनों डैमो की मंजूरी होते ही इस इलाके में पानी की समस्या से निजात मिल जाएगी।