लगातार बढ़ रहा कोरोना वायरस का कहर, डर के साए में दिन-रात गुजार रहे जेल में कैदी

punjabkesari.in Friday, Apr 23, 2021 - 01:27 PM (IST)

जौनपुर: उत्तर प्रदेश में जौनपुर के जिला कारागार में निरुद्ध बंदी दहशत के साए में दिन गुजार रहे हैं, उनके परिजन भी चिंतित हैं कि कहीं जेल में संक्रमण हुआ तो क्या होगा। जेल प्रशासन की भी जान सांसत में है। बंदियों को संक्रमण से बचाने का हर संभव कदम उठाया जा रहा है। जेल में क्षमता से तीन गुना ज्यादा लगभग 1200 बंदी हैं। बचाव का सबसे कारगर उपाय 2 गज की दूरी और मास्क है। जेल प्रशासन चाहते हुए भी 2 गज की दूरी वाले फार्मूले पर अमल नहीं करा पा रहा है। हर बैरक में तीन से चार गुना बंदी रखे गए हैं। डर इसी बात का है कि यदि इनमें से एक भी बंदी संक्रमित हुआ तो फिर जेल में कोरोना विस्फोट हो सकता है।

पिछले साल संक्रमण इतना नहीं था तब भी जिला प्रशासन ने अस्थाई जेल की व्यवस्था कराई थी। इस बार अब तक ऐसी कोई कवायद शुरू ही नहीं हुई है। इसके चलते बंदी संक्रमण की आशंका से सहमे हुए हैं। उनके स्वजन भी इसे लेकर चितित हैं। जेल प्रशासन बंदियों को संक्रमण से बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। जेलर राजकुमार ने आज कहा कि पिछले दिनों आरटीपीसीआर जांच में संक्रमित मिले एक बंदी को क्वारंटाइन में रखा गया है। सभी बंदियों को दूसरी पाली में भोजन से पूर्व एक बार फिर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को काढ़ा पिलाना शुरू कर दिया गया है। नए बंदियों को अलग बैरक में रखा जा रहा है।

कोरोना संक्रमण के पहले चरण से ही जेल में आने वाले नए बंदियों के लिए की गई अलग बैरक की व्यवस्था बरकरार है। नए बंदियों को क्वारंटाइन अवधि अर्थात कम से कम 14 दिन इसी बैरक में रखा जा रहा है। इसके बाद स्वास्थ्य संबंधी कोई शिकायत न होने पर ही उसे अन्य बंदियों के साथ बैरक में भेजा जाता है। बंदियों को संक्रमण से बचाने के लिए पिछले मंगलवार को दूसरी बार टीकाकरण कराया गया। जिला अस्पताल से आए स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने कुल 190 बंदियों को कोवीशील्ड वैक्सीन का टीका लगाया। जेल में कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए टीम ने बारी-बारी से बंदियों को टीका लगाया। जेल अधीक्षक ने बताया कि अन्य बंदियों को भी टीका लगवाया जाएगा। जेल प्रशासन बंदियों की इम्युनिटी बढ़ाने को रोजाना काढ़ा भी दे रहा है।

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Anil Kapoor