सावधान! Whatsapp की लत युवाओं को दे रही ये बीमारी

punjabkesari.in Friday, Jun 30, 2017 - 04:42 PM (IST)

लखनऊ: फेसबुक और व्हाट्सएप जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट में सर्फिंग के लत युवाओं को भारी पड़ सकती है। अस्थिरोग विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाईल फोन का अधिक उपयोग से कलाई और उंगलियों की जोड़ों में दर्द, आर्थराइटिस तथा रिपिटिटिव स्ट्रेस इंज्युरिज (आरएसआई) की समस्या पैदा कर रहा है।

राजधानी लखनऊ के जाने माने अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. शुभ मेहरोत्रा ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में टच स्क्रीन वाले फोन, स्मार्ट फोन तथा टैबलेट के इस्तेमाल का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। इन गैजेट्स के लगातार इस्तेमाल के कारण ऐसे मरीजों की तादाद में भी इजाफा हुआ है जिन्हें उंगलियों, अंगूठे और हाथों में दर्द की समस्या उत्पन्न हो रही है। इस तरह का दर्द एवं जकडऩ रिपेटिटिव स्ट्रेस इंज्युरिज (आरएसआई) पैदा कर सकती है। आरएसआई एक ही गतिविधि के लंबे समय तक बार- बार दोहराए जाने के कारण जोड़ों के लिगामेंट और टेंडन में सूजन (इंम्लामेंशन) होने के कारण होती है।

डा. मेहरोत्रा ने कहा कि जो लोग टच स्क्रीन स्मार्ट फोन और टैबलेट पर बहुत ज्यादा गेम खेलते हैं और टाइप करते हैं उनकी कलाई और अंगुलियों के जोड़ों में दर्द हो सकता है और कभी-कभी अंगुलियों में गंभीर आर्थराइटिस हो सकती है। गेम खेलने वाले डिवाइस के लंबे समय तक इस्तेमाल के कारण युवा बच्चों में इस समस्या के होने की अधिक संभावना होती है।

उन्होंने बताया कि किसी भी गतिविधि के बार-बार दोहराए जाने के कारण जोड़, मांसपेशियां, टेंडन और नव्ज प्रभावित होते हैं जिसके कारण रिपिटिटिव स्ट्रेस इंजरीज होती है। उदाहरण के लिए, जो लोग सेल फोन पर अक्सर संदेश टाइप करने के लिए अपने अंगूठे का उपयोग करते हैं, उनमें कभी-कभी रेडियल स्टिलॉयड टेनोसिनोवाइटिस (डी क्वेरवेन सिंड्रोम, ब्लैकबेरी थम्ब या टेक्सटिंग थम्ब के नाम से भी जाना जाने वाला) विकसित हो जाता है।

चिकित्सक ने बताया कि इसमें टेंडन प्रभावित होती है और अंगूठे को हिलाने-डुलाने में दर्द होता है। हालांकि डेस्कटॉप कीबोर्ड के लंबे समय तक इस्तेमाल के कारण दर्द से पीड़ित रोगियों में इसके संबंध की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि डेस्कटॉप कीबोर्ड पर बार-बार टाइप करने पर यह दर्द और बढ़ सकता है।डा. मेहरोत्रा ने कहा कि ज्यादातर लोग टच स्क्रीन का इस्तेमाल गलत तरीके से और गलत पोस्चर में करते हैं। स्ट्रेस से संबंधित इंजुरीज लोगों को तब भी हो सकती है जब वे टाइप करते समय अपनी कलाई पर अधिक दबाव डालते हैं या अपने हाथों को बहुत ज्यादा आगे या पीछे की ओर झुकाते हैं जिससे उनके हाथों पर स्ट्रेस पड़ता है। इसके कारण होने वाली बीमारियों में कार्पेल टनेल सिंड्रोम सबसे सामान्य है। यह कलाई में मीडियन नर्व पर दबाव पड़ने के कारण होता है।

उन्होंने बताया कि आपकी गर्दन और इसे सहारा देने वाली सर्वाइकल स्पाइन पर खराब पोस्चर का बहुत प्रभाव पड़ता है, और इससे स्पाइनल कॉर्ड से निकलने वाले नव्ज पर दबाव पर सकता है या यह फैल सकती है। अपनी गर्दन को बहुत ज्यादा आगे या पीछे की ओर नहीं मोड़ें और विषेशकर अपने सिर को एक तरफ या दूसरे तरफ लंबे समय तक मोड़ कर नहीं रखें। अपनी गर्दन को एक ही स्थिति में लंबे समय तक नहीं रखें और थोड़ी-थोड़ी देर पर इसे आराम दें। यदि आप गर्दन को किसी भी स्थिति में रखने पर दर्द, सुन्नपन या झनझनाहट महसूस करते हैं तो उस स्थिति में तुरंत परिवर्तन लाएं और ऐसी स्थिति में रहें जिसमें आप अधिक आराम महसूस करते हों।