सुप्रीम कोर्ट का फैसला, HC की इजाजत के बिना वापस नहीं लिया जाएगा MP-MLA के खिलाफ दर्ज मुकदमा
punjabkesari.in Wednesday, Aug 11, 2021 - 01:28 PM (IST)
लखनऊ: सरकार चाहे किसी की भी हो, लेकिन राजनेताओं पर दर्ज मामलों को सरकार वापस ले लेती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति के बढ़ते अपराधीकरण के एक मामले में सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि वह बिना हाईकोर्ट की इजाजत के सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं ले सकेगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि विशेष अदालतों में सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई करने वाले ट्रायल जज अगले आदेश तक अपने मौजूदा पदों पर बने रहेंगे।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस अहम फैसले का समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील साजन ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में संवैधानिक पदों पर जो लोग बैठे हैं, जैसे मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री उन्होंने अपनी कलम से ही जघन्य अपराध के मुकदमे वापस ले लिए है। उत्तर प्रदेश में सरकार खुद ही न्यायालय बन गई। माननीय सुप्रीम कोर्ट से हम अपील करेंगे की इन पर दर्ज जघन्य अपराधों के मुकदमों की सुनवाई फिर से की जाए।
बता दें कि यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसी साल मार्च महीने में मुजफ्फरनगर दंगा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने के आरोपी गन्ना मंत्री सुरेश राणा और सरधना इलाके से विधायक संगीत सोम के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट की सिफारिश पर मुकदमा वापस ले लिया था. इसके अलावा जब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी, उस समय सितंबर 2012 में अखिलेश यादव की सरकार ने अपने सांसदों और विधायकों समेत सपाइयों पर पर दर्ज तीन हजार से अधिक मुकदमे वापस ले लिए थे। इन सभी के खिलाफ मायावती के शासनकाल में केस दर्ज हुए थे.. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की पेंडेंसी और विशेष अदालतों की स्थापना मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।