कांवड़ यात्रा के पक्ष में नहीं केंद्र सरकार, SC ने कहा- ‘सांकेतिक कांवड़ यात्रा’ पर फिर से विचार करे UP सरकार, जीने का अधिकार सबसे ऊपर

punjabkesari.in Friday, Jul 16, 2021 - 01:31 PM (IST)

नई दिल्ली/लखनऊः  कोरोना संकट की रफ्तार भले ही धीमी पड़ गई है। मगर देश को अभी भी पर्याप्त अलर्ट रहने व लापरवाही न करने की जरूरत है। ऐसे में कांवड़ यात्रा के पक्ष में नहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। जिसमें कहा है कि राज्य को हरिद्वार से गंगाजल लाने और को अपनी पसंद के शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ियों को आवाजाही की अनुमति नहीं देनी चाहिए। केंद्र ने कहा यह सदियों पुरानी प्रथा है और धार्मिक भावनाओं को देखते हुए, राज्यों को टैंकरों के माध्यम से पवित्र गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए एक प्रणाली विकसित करनी चाहिए।

केंद्र ने कहा है कि कोरोना की वजह से हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ियों का अपने इलाके के मंदिर तक जलाभिषेक के लिए आना से उचित नहीं होगा। इसलिए बेहतर होगा कि टैंकर के ज़रिए गंगाजल जगह जगह उपलब्ध करवाया जाए। केंद्र ने यह भी कहा है कि राज्य सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्रद्धालुओं के बीच गंगाजल का वितरण सुनिश्चित करें।साथ ही यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में चार धाम कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने हलफनामा दाखिल किया। सूत्रों के मुताबिक यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि यूपी में सांकेतिक रूप से कावड़ यात्रा चलाई जाएगी कावड़ यात्रा पर पूरी तरह रोक नहीं है। यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कावड़ यात्रा के दौरान कुछ गाइड लाइन भी बनाने की बात कही है।

वहीं यूपी में कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान मामले पर सुनवाई के मद्दे नजर यूपी सरकार ने हलफनामा दखिल किया। जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, यूपी और उत्तराखंड सरकार से इस मामले पर आज जवाब दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कावड़ यात्रा पर रोक लगाए जाने को कहा है। वही कोर्ट ने SG से पूछा कि आप अपना पक्ष बताइए तो SG ने कहा हमने कावड़ यात्रा के निषेध किया है। इसपर यूपी सरकार ने कहा हमने कावड़ यात्रा को सांकेतिक अनुमति दी है। राज्य सरकार ने कहा सोशल डिस्टेंसिनग के साथ और COVID-19 की रोकथाम के सभी मानदंडों का पालन करते हुए प्रतीकात्मक कांवड़ यात्रा आयोजित करना चाहता है।

इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी देश के सभी नागरिकों को प्रभावित करती है। ऐसे में कावड़ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती। प्रथम दृष्टया हमारा विचार है कि यह प्रत्येक नागरिक से संबंधित मामला है और धार्मिक सहित अन्य सभी भावनाएं नागरिकों के जीवन के अधिकार के अधीन हैं। हमे उनका भी ध्यान रखना होगा। इस मामले पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि या तो आप पर कावड़ यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें नहीं तो हमें कुछ आदेश पारित करने होंगे। इस पर यूपी सरकार ने कोर्ट से इसके लिए समय मांगा यूपी सरकार का आग्रह स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा इस मामले पर अगली सुनवाई सोमवार 19 जुलाई को होगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Moulshree Tripathi

Recommended News

Related News

static