Chhat Puja 2021: आस्था पर भारी पड़ रही महंगाई, व्रत से लेकर पूजा सामग्री तक के दाम हुए दोगुने
punjabkesari.in Tuesday, Nov 09, 2021 - 12:15 PM (IST)
प्रयागराज: देश में छाई महंगाई के असर से अब आस्था भी अछूती नहीं रह गई है । सूर्य उपासना के पर्व डाला छठ पर भी महंगाई ने अपना फन फैला दिया है । जिससे डाला छठ पूजा की पूजा सामग्री की कीमते अचानक दो से तीन गुनी तक बढ़ गई हैं। कमोवेश यही हालत छठ पूजा में काम आने वाली डलिया, सूप और गन्ना का भी है जो बाजार में पिछले साल के मुताबिक कीमतों से दो गुना जयादा इज़ाफ़ा हुआ हैं। एक तरफ इसके चलते छठ की पूजा सामग्री बेचने वालों की खरीद पर असर पड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सुहागिनों को भी आस्था के लिए अपनी जेब दो गुनी ढीली करनी पड़ रही है । महिलाओं का कहना है कि त्यौहार की वजह से तो सामान खरीदना ही है, ऐसे में वह इस बार छठी मैया से पति- पुत्र की लंबी आयु के लिए तो प्रार्थना करेंगी ही साथ ही साथ महंगाई भी कम हो और देश दुनिया में फैला कोरोना वयरस का संक्रमण भी पूर्ण तरीके से खत्म हो इसकी भी प्रार्थना करेगी।
सूर्य उपासना के महापर्व की छटा अब हर जगह नजर आने लगी है । बाजारों में रौनक है - सूप , टोकरी से लेकर फलों तक की दुकानों में सुहागिनों का खरीददारी का सिलसिला तेज हो गया है । लेकिन बाजार में लगी महंगाई की आग ने दुकानदारों से लेकर पूजा सामाग्री खरीदने वालों का दिवाला निकाल दिया है। बाज़ार में महंगाई का आलम यह है की छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाला जो नारियल पहले 10 से 15 रुपये में बिक रहा था वही नारियल इस समय 25 से 30 रुपये में बिक रहा है। सूप बाजार में पहले 60 रुपये में था जिसकी बाजार में आज कीमत 110 से 130 तक चल रही है। फलों की कीमतों में अमूमन दो से तीन गुना का इजाफा मंहगाई की वजह से हुआ है। फलों के अलावा, टोकरी और गन्ने की कीमतों में भी आग लगी हुई है जो बाजार में इस समय दो से तीन गुना महंगी कीमतों पर बिक रहे हैं।
प्रयागराज की रहने वाली शालिनी का कहना है कि इस बार छठ के बाजारों में महंगाई का काफी असर देखा जा रहा है, हर समान महंगे बिक रहे हैं। ऐसे में छठी मैया से इस बार महंगाई कम करने की भी प्रार्थना करेंगे। इसके साथ ही पूरे देश में कोरोना का संक्रमण पूर्ण तरीके से खत्म हो इसके लिए भी छठी मैया से विनती करेंगे।
गौरतलब है कि पूरे देश में छठ पूजा 10 नवंबर को है। हालांकि 4 दिनों तक चलने वाला छठ पर्व की शुरुआत 8 नवंबर से ही हो गई है, लेकिन मुख्य दिन 10 नवंबर को है जिस दिन डूबते हुए सूर्य को महिलाएं अर्घ्य देंगी और उसके अगले दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर के छठ पर्व का समापन करेंगी। महिलाएं नदी के किनारे जाकर पूजा पाठ करती हैं उसके बाद डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर के छठ पर्व का समापन होता है।