उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ छठ पर्व, मांओं ने मांगी बेटों की सलामती की दुआ

punjabkesari.in Friday, Oct 27, 2017 - 11:23 AM (IST)

लखनऊः चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ। लाखों की संख्या में लोग लखनऊ सहित प्रदेश भर के विभिन्न घाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पहुंचे। देर रात तक घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा थी। बता दें यह वर्त महिलाएं अपने बेटों के लिए रखती हैं।

दरअसल गोमती नदी के तट पर लक्ष्मण मेला पार्क में खरना के दिन से छठ पूजा को लेकर बड़े पैमाने पर आयोजन किया जाता है। यहां लोक संगीत के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। छठ गीतों के साथ-साथ भोजपुरी देवी गीतों से कार्यक्रम स्थल भक्तिमय रहा। गुरुवार शाम को बड़ी संख्या में छठ व्रती महिलाएं अपने-अपने परिवार के साथ गोमती तट स्थित घाट पर बनी बेदी पर पहुंची। उन्होंने पूजा पाठ करने के बाद डूबते सूरज की पूजा व अर्घ्‍य दिया। वहीं शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर ये पूजा पूरी हुई।

छठ में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। यही एक ऐसा पर्व है, जिसमें किसी पुरोहित की जरूरत नहीं होती। चार दिन तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। अगले दिन खरना होता है। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती दो दिन तक पानी भी नहीं पीते। तीसरे दिन शाम को डूबते और चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। पूजा किसी भी पानी वाली जगह पर जैसे नदी, तालाब, बावड़ी, झील पर होती है।

वाल्मीकि रामायण के मुताबिक जो सूर्य की आराधना करता है, उसे दुख नहीं भोगना पड़ता। कहते हैं कि सभी तरह के चर्म रोग सूर्य उपासना करने से ठीक हो जाते हैं। सूर्य की आराधना से भगवान श्री कृष्ण के बेटे राजा शाम्ब का कुष्ठ रोग दूर हो गया था। पुत्र और सौभाग्य के लिए छठ व्रत रखने का महत्व है। कहा जाता है महाभारत काल में द्रौपदी ने यह व्रत किया था। इससे पांडवों को खोया राज्य मिला।

अमेरिका, इंग्लैंड, मॉरिशस, थाईलैंड, सिंगापुर, दुबई आदि देशों में रहने वाले बिहार के लोग भी बड़ी संख्या में छठ मनाते हैं। देश के अंदर दिल्ली में यमुना के किनारे और मुंबई में समुद्री तट पर छठ का बड़ा आयोजन होता है।