छठ पूजाः श्रद्धालुओं के लिए किया गया ये खास इंतजाम

punjabkesari.in Monday, Nov 12, 2018 - 03:43 PM (IST)

मऊः उत्तर प्रदेश के मऊ में छठ पूजा महापर्व के लिए जोरों शोरों के साथ तैयारियां पूर्ण हो गई हैं। तालाब, नदी आदि स्थानों पर पूजा के लिए विशोष साफ सफाई और अच्छी व्यवस्था का इंतजाम किया गया है। जिले भर में जिलाप्रशासन, नगर पालिका, नगर पंचायत सहित तमाम समितीयों के लोग द्वारा अपना अपना योगदान दिया जा रहा है। तमसा नदी से लेकर सभी पूजा स्थानों पर पूजा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

मान्यता हैं कि छठ पूजा में मुख्य रूप से सूर्यदेव की उपासना की जाती है। यह बहुत ही कठिन पूजा मानी जाती है। छठ को सूर्य देवता की बहन माना जाता है। छठ पर्व में सूर्योपासना करने से छठ माई प्रसन्न होती हैं और घर परिवार में सुख शांति व धन धान्य से संपन्न करती हैं। चार दिनों तक चलने वाले इस छठ पूजा को डाला छठ, छठी माई पूजा, सूर्य़ षष्ठी पूजा आदि कई नामों से जाना जाता है।

छठ पूजा का अपना ही महत्व है, इस पूजा को करने वाले या उपवास रखने वाले बड़ी ही श्रद्धा के साथ ही पूजा को पूरा करते हैं। पूजा को महिलाएं अपने बच्चे की लंबी उमर के लिए तो पुरुष घर की खुश शांति के लिए करते हैं। सूर्य देव की कृपा से घर में धन धान्य के भंडार भरे रहते है। छठ माई संतान प्रदान करती है। वैसे छठ का व्रत काफी कठिन व्रत माना जाता है। इस दौंरान चार दिनों तक व्रत की प्रक्रिय चलती हैं। जिसमें पहले दिन नहाय खाय होता हैं। इस दिन व्रती नदी में या घर पर ही जल में गंगा जल डालकर स्नान करते हैं। फिर नए वस्त्र धारण करने के बाद भोजने के रुप में लौंकी दाल ग्रहण करते हैं।

इसके बाद दूसरे दिन को खरना बोला जाता हैं। जिसमें पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को व्रती भोजना करते हैं। इसके तीसरे दिन छठ पूजा का प्रसाद बनता है। इस दिन ठेकुआ या टिकरी बनाते है। प्रसाद तथा फल से बांस की टोकरी सजाई जाती है। टोकरी की पूजा कर व्रती सूर्य को अर्ध्य देने के लिए तालाब, नदी या घाट पर जाते हैं और स्नान कर डूबते सूर्य की पूजा करते हैं। इसके चौथे दिन अल सुबह सूर्योदय के समय विधिवत पूजा कर इसके बाद प्रसाद वितरित किया जाता हैं।


 

Tamanna Bhardwaj