मुख्यमंत्री जी, यहां कर्जमाफी के नाम पर किसान के माफ हुए मात्र 3 रुपए

punjabkesari.in Monday, Sep 11, 2017 - 09:56 AM (IST)

इटावा(उत्तर प्रदेश): भले ही योगी सरकार किसानों के एक लाख तक के कर्ज माफ कर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन अफसरों के काम करने का तरीका तस से मस अभी भी नहीं हुआ। ताबड़तोड़ तरीके से किसान ऋण माफी पत्र बांटने वाली राज्य सरकार ने इटावा के एक किसान के केवल 3 रुपए ही माफ किए है

जानिए क्या है मामला
दरअसल इटावा जिले की भरथना तहसील के भोली गांव में एक किसान का इतना कर्ज माफ कर दिया गया है जिसका प्रमाण पत्र देखने के बाद दूसरे किसान उसका मजाक उड़ाने में लग गए हैं। इस गांव के बुजुर्ग किसान जिलेदार सिंह ने एक वक्त स्टैंट बैंक की भर्थना शाखा से फसल के लिए एक लाख रूपए का ऋण लिया हुआ था।

परिवहन मंत्री ने दिया था ऋण माफी पत्र
बता दें 7 सिंतबर को इटावा के नुमाइश पंडाल में परिवहन मंत्री व जिला प्रभारी मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने योगी सरकार की इस योजना किसानों के क़र्ज़ माफ़ी के चेक किसानों को वितरित किए थे। एक किसान के 1 लाख के ऋण के एवज में मात्र 3 रुपए माफ हुए है। जिसके बाद अब किसान बैंक और तहसील के चक्कर काट रहा है। स्टैंट बैंक की ओर से भेजे गए प्रमाण पत्र मे साफ-साफ इंगित है कि जिलेदार पुत्र दीनदयाल को उत्तर प्रदेश फसल त्रृण मोचन योजना के तहत के.सी.सी खाता नंबर 32807385566 में 3 रूपए की राशि क्रेडिट कर दी गई है।

किसान खेत बेंचने को मजबूर
कर्ज में डूबे किसान जिलेदार का कहना है कि सरकार ने तो कुछ किया नहीं अब हम अपनी खेती बेचकर कर्ज चुकता करेंगे। गरीब किसान जिलेदार सिंह का एक लाख का क़र्ज़ माफ़ी का प्रमाण पत्र गांव के लेखपाल ने उसके पास पहुंचाया तो वह और उसका परिवार देख कर दंग रह गया। ज़िलेदार का मात्र 3 रुपए का क़र्ज़ माफ़ हुआ था।

बैंक ने झाड़ा पल्ला
वहीं बैंक के अफसरों ने इससे अपना पल्ला झाड़ लिया। बैंक अधिकारी ने कहा कि यह लेखपालों की गड़बड़ी है आपका एक लाख का ऋण माफ होना चाहिए। पीड़ित का कहना है कि यह सरकार की गलती है जितना लेखपालों को बताया गया होगा उतना ही उन्होंने माफ किया होगा।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस तरह की गंभीर चूक पर जिला अपर जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार का कहना है कि उन्हें भी इस बात की जानकारी मिली हुई है। कर्जेदार किसानों के त्रण माफी के मामले में कुछ जगह गड़बड़ी सामने आई है जिसे जिला कमेटी के माध्यम से ठीक करने की कोशिश की जा रही है।

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