बच्चों की शिक्षा रामभरोसे! UP के इस स्कूल में दो साल से नहीं है एक भी टीचर... हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- कहां हैं टीचर?

punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 03:57 AM (IST)

इलाहाबाद/चित्रकूट: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के एक जूनियर हाईस्कूल में पिछले दो वर्षों से कोई भी शिक्षक तैनात नहीं है। इस गंभीर लापरवाही को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार से पूछा है कि आखिर बच्चों के मौलिक अधिकारों की अनदेखी क्यों की जा रही है।

क्या है मामला?
चित्रकूट जिले के रैपुरा गांव स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल जूनियर हाईस्कूल में नौ स्वीकृत शिक्षक पद हैं, लेकिन पिछले दो वर्षों से एक भी शिक्षक तैनात नहीं है। इसको लेकर गांव निवासी राहुल सिंह पटेल ने जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने की।

स्कूल किसके भरोसे चल रहा है?
इस विद्यालय में कुल 141 छात्र नामांकित हैं — कक्षा 6 में 35, कक्षा 7 में 46 और कक्षा 8 में 65। शिक्षकों के अभाव में विद्यालय संचालन की जिम्मेदारी सिर्फ एक चपरासी पर है। स्कूल में तीन चपरासी पद स्वीकृत हैं, जिनमें से दो खाली हैं। वर्तमान में सिर्फ रामभवन नामक चपरासी कार्यरत है, जो स्कूल संचालन की पूरी जिम्मेदारी अकेले निभा रहा है।

शिकायतों के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
याचिका में बताया गया कि 11 अगस्त 2025 को इस मामले को लेकर जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया था। इसके बाद IGRS (Integrated Grievance Redressal System) पर भी शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार, अधिवक्ता जगदीश सिंह बुंदेला के माध्यम से यह याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई।

हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार बच्चों का मौलिक अधिकार है, और सरकार की यह जिम्मेदारी है कि हर बच्चे को उचित शिक्षा मिले। कोर्ट ने राज्य सरकार से 27 अक्टूबर तक जवाब तलब किया है।


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Content Editor

Mamta Yadav

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