Twitter तक सिमट कर रह गई चिंकी की आवाज, कैद बरकरार… बंदर भगाने का बनी हथियार

punjabkesari.in Thursday, Mar 24, 2022 - 01:28 PM (IST)

शामली: बंदर भगाने के लिए रस्सी से जकड़ी गई चिंकी को ट्वीटर पर उठी आवाज़ से आज़ादी की आस जगी थी, लेकिन पुलिस से मिला कार्यवाही का आदेश उसके लिए सिर्फ खोखला दावा साबित हुआ। चिंकी अभी भी पेट्रोल पंप पर काम करने वाले लोगों के लिए, बंदर भगाने का हथियार बनी हुई है। चिंकी की सुध ना तो पुलिस ले रही है और ना ही वन विभाग के लापरवाह अधिकारी को उसकी परवाह है।

PunjabKesari
यह पूरा मामला शामली जिले के थानाभवन कस्बे का है। यहां रतन पेट्रोल पंप पर एक लंगूर को रस्सी से बांधकर रखा गया है। पेट्रोल पंप पर काम करने वाले लोग चिंकी नाम के इस लंगूर द्वारा बंदर भागने वाले काम से काफी खुश नजर आते हैं, लेकिन यहां किसी को भी चिंकी की आज़ादी की कोई परवाह नही है। कुलदीप चौधरी नाम के एक वन्य प्रेमी की नजर चिंकी पर पड़ी तो उसने शामली पुलिस के ट्वीटर हैंडल पर इसकी शिकायत की। वन्यप्रेमी ने पुलिस को बताया कि यह बीमार लग रही है, जिसे करीब 1 साल से रस्सी से बंधा गया है।

PunjabKesari
कुलदीप के ट्वीट से उस समय चिंकी की रिहाई की आस जगी, जब शामली पुलिस ने ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए थानाभवन पुलिस को आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया, लेकिन चिंकी की आज़ादी का फरमान सिर्फ ट्वीटर तक सिमट कर रह गया और आज तक उसकी सुध लेने के लिए कोई नहीं पहुंचा। इस मामले में जब जिला वन अधिकारी डॉ. विनय कुमार से वार्ता की तो उन्होंने फ़ोन पर बताया कि इस मामले में कोई विशेष कार्यवाही करने जैसा कुछ नही है। वन अधिकारी का कहना है की लंगूर बंदर भगाने के काम के लिए रखा गया है।

लंगूर को बांधकर रखना अपराध
इस मामले में जिला वन अधिकारी की कार्यप्रणाली सवाल खड़े कर रही है। नियमानुसार बंदरों से सुरक्षा के लिए लंगूर को नहीं रखा जा सकता। लंगूर को बांधकर रखना अपराध है। इसके लिए अक्टूबर 2012 में पर्यावरण और वन मंत्रालय ने गाइडलाइन भी जारी की थी। वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 1972 के तहत इसे अपराध माना गया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Mamta Yadav

Recommended News

Related News

static