क्रिश्चियन कॉलेज में भगत सिंह की प्रतिमा न लगाने को लेकर हालात बिगड़े, परीक्षाएं स्थगित

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2017 - 09:44 AM (IST)

इलाहाबादः देश की आजादी की खातिर फांसी के फंदे पर झूलने वाले शहीद-ए -आजम भगत सिंह की मूर्ति लगाए जाने को लेकर इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी से जुड़े इविंग क्रिश्चियन कॉलेज में इन दिनों कोहराम मचा हुआ है। इसी के चलते छात्रों द्वारा इस मुद्दे पर हंगामा किए जाने के बाद यहां के सालाना इम्तहान स्थगित कर कालेज को 24 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है और वहां पुलिस का पहरा लगा दिया गया है।

ईसाई धर्म में मूर्ति लगाने पर पाबंदीः कॉलेज 
बता दें कि कॉलेज के छात्र कैम्पस में शहीद भगत सिंह की मूर्ति लगाना चाहते हैं, लेकिन क्रिश्चियन कम्युनिटी द्वारा संचालित कालेज के लोग ईसाई धर्म का हवाला देकर मूर्ति लगाने की परमीशन देने से इंकार कर रहे हैं। कालेज प्रशासन का साफ कहना है कि ईसाई धर्म में मूर्ति लगाने पर पाबंदी है, इसलिए वह कैम्पस में भगत सिंह की मूर्ति नहीं लगने देंगे। मायूस छात्रों ने अब इस मामले में यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी से दखल देने की अपील की है।

छात्रों में रोष, 24 तक कॉलेज बंद 
छात्रों और कॉलेज प्रशासन के आमने- सामने होने से यहां महाभारत छिड़ी हुई है। हंगामा बढ़ने के बाद यहां के सालाना इम्तहान अगली सूचना तक टाल दिए गए हैं और कालेज को 24 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। कालेज के मेन गेट पर ताला जड़कर वहां पुलिस का पहरा बिठा दिया गया है। मेन गेट के पास ही शहीदे आजम की तस्वीर ज़मीन पर रखी हुई है। इस सब के चलते छात्रों में काफी रोष है। छात्रों का दावा है कि कालेज कैम्पस में पहले शहीदे आजम भगत की मूर्ति लगी हुई थी, लेकिन 7-8 साल पहले रेनोवेशन के नाम पर उसे हटा दिया गया और फिर दोबारा मूर्ति नहीं लगाई गई। आरोप है कि हर बार बहानेबाजी कर मामले को टाल दिया जाता था। दर्जनों बार आश्वासन मिलने के बाद भी कालेज प्रशासन ने जब भगत सिंह की मूर्ति नहीं लगवाई तो छात्रों ने आपस में चंदा कर एक मूर्ति बनवाई है और उसे लगवाना चाहते है, लेकिन कालेज प्रशासन ने इसमें भी टांग अड़ा दी और मूर्ति लगाने पर पाबंदी लगा दी।

जानिए पूरा मामला
दरअसल ईविंग क्रिश्चियन कालेज ऑटोनोमस है, लेकिन यह सेंट्रल युनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ है और यहां पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को सेंट्रल युनिवर्सिटी की ही डिग्री मिलती है। कालेज प्रशासन की दलील है कि यह ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा संचालित अल्पसंख्यक संस्थान है। ईसाई धर्म में मूर्ति लगाने पर पाबंदी है, इसलिए धार्मिक आधार पर मूर्ति लगाने पर रोक लगाई गई है। कालेज प्रशासन एक और बेतुकी दलील दे रहा है कि अगर आज भगत सिंह की मूर्ति लगाने की परमीशन दी जाएगी तो कल को दूसरे स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों की भी मांग उठने लगेगी। कालेज प्रशासन धर्म का हवाला देकर छात्रों पर माहौल खराब करने का आरोप लगा रहा है। कहा यह भी जा रहा है कि सालाना इम्तहान टालकर कालेज बंद करने का फैसला मजबूरी में लिया गया है।