CM योगी ने खोले इतिहास के धागे, कहा- राम मंदिर बनाने वालों का हुआ सम्मान, ताजमहल बनाने वालों के काटे गए हाथ

punjabkesari.in Sunday, Dec 15, 2024 - 02:43 PM (IST)

लखनऊः यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मुंबई में विश्व हिंदू आर्थिक मंच (डब्ल्यूएचईएफ) के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने इतिहास में मजदूरों के साथ हुए अत्याचार और भाजपा सरकार में श्रमिकों को मिल रहे सम्मान की तुलना की है। उन्होंने मंच से कहा कि जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर में काम करने वाले श्रमिकों का फूलों से सम्मान किया। वहीं दूसरी ओर ताजमहल का निर्माण करने वाले मजदूरों के हाथ काट दिए गए थे। 

सीएम योगी ने शनिवार को अपने संबोधन में कहा, "आपने देखा होगा कि 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का निर्माण करने वाले श्रमिकों को कैसे सम्मान दे रहे थे। एक तरफ जहां पीएम उन पर फूल बरसा रहे थे, वहीं दूसरी तरफ, इससे पहले की स्थिति ऐसी थी कि ताजमहल का निर्माण करने वाले श्रमिकों के हाथ काट दिए गए थे।”

'भारत अपने श्रम बल का सम्मान करता है'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इतिहास के शासकों का जिक्र करते हुए कहा, "इतिहास में बढ़िया कपड़ा उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों के भी हाथ काट दिए गए थे, जिससे एक पूरी परंपरा और विरासत नष्ट हो गई। आज भारत अपने श्रम बल का सम्मान करता है, उन्हें हर तरह की सुरक्षा देता है।"

'विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत' 
पहली से पंद्रहवीं शताब्दी के बीच विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत के ऐतिहासिक योगदान की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा, “पहली शताब्दी से लेकर 15वीं शताब्दी तक यूरोप से जुड़े विद्वान भी स्वीकार करते हैं कि उस समय विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक थी और 15वीं शताब्दी तक यही स्थिति रही।”

'उनके बीज भी नहीं फूटे थे, तब भी हमारी विरासत थी'
यूपी सीएम ने आगे भारत को ‘पहचान के संकट’ से बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा, “2014 से पहले भारत पहचान के संकट से जूझ रहा था। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों में भारत को राक्षसी जकड़न से बचाया है और हमें ‘नए भारत’ का सपना दिखाया है।” उन्होंने कहा, "आज जो लोग आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं और उसका पोषण कर रहे हैं, ये लोग हमारी विरासत पर दावा करते हैं। जब वे कहीं नहीं थे, उनके बीज भी नहीं फूटे थे, तब भी हमारी विरासत थी।” 
 


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Imran

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