रामगढ़ताल झीलः CM योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को लगी जलकुंभी की नजर, गंदगी देखकर वापस लौट रहे सैलानी

punjabkesari.in Saturday, Jan 23, 2021 - 12:32 PM (IST)

गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक उत्तर प्रदेश गोरखपुर के रामगढ़ताल झील का सुंदरीकरण। मुख्यमंत्री रामगढ़ ताल झील में सीप्लेन उतारने तथा जम्मू-कश्मीर की डल झील की तर्ज पर झील में शिकारा के संचालन की योजना बना रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की बेपरवाही की वजह से ताल बुरी तरह मकड़जाल में फंसा हुआ है। गोरखपुर और आसपास से आने वाले सैलानियों को जलकुंभी और उससे होने वाली गंदगी देखकर वापस लौटना पड़ रहा है।

रामगढ़ ताल की सुंदरीकरण के लिए सीएम योगी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। गोरखपुर महोत्सव के मंच से मुख्यमंत्री ने एक बड़ा ऐलान किया था। जल्द ही रामगढ़ताल में सी प्लेन उतारने की योजना चल रही है। इसे लेकर इसकी प्रक्रिया शुरुकर दी गई है। इसके पहले मुख्यमंत्री योगी ने ये घोषणा की थी, रामगढ़झील में जम्मू-कश्मीर के डल झील के तर्ज पर शिकारा एम्बुलेंस उतारा जाएगा।

सीएम के बाद सांसद रवि किशन शुक्ला ने लंदन आई की तर्ज पर झील किनारे झूला को लेकर मुख्यमंत्री को प्रस्ताव दिया। इसके उलट 300 करोड़ से अधिक सुंदरीकरण पर खर्च होने के बाद भी झील जलकुंभियों के मकड़जाल में फंसा हुआ है। चारों तरफ जलकुंभी होने से झील में गंदगी और बदबू होने से  अपनी रमणीय खो रहा है।

रामगढ़ ताल को राज्यपाल के अनुमोदन के बाद वेटलैंड घोषित कर दिया गया है। पूर्वांचल के मरीन ड्राइव रामगढ़ झील में जलकुंभी का फैलाव चारों तरफ फैल चुका है। नौकायन के चारों ओर जलकुंभी पहुंच चुकी है। सफाई के अभाव में झील का पानी भी बदबू करने लगा है। नौकायान आने वाले सैलानियों को निराशा हाथ लग रही है। व्यू प्वाइंट गंदा दिख रहा है। सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के बाद भी आश्चर्यजनक रूप से जल निगम और न ही जीडीए के अफसर ताल की सफाई करने में दिलचस्पी दिखा रहे है। वहीं जलकुंभी का मकड़जाल इस तरह से फैल चुका है की नौकायन केन्द्र को ही घेर लिया है।

 


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Moulshree Tripathi

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