CM योगी बोले- परिवहन नियमों को बनाया जाए पाठ्यक्रम का हिस्सा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 13, 2017 - 04:38 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवहन नियमों को पाठ्यक्रमों में शामिल करने पर बल दिया है। योगी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बीच बसों के संचालन संबंधी करार के मौके पर बोल रहे थे।

योगी ने कहा कि यातायात के सामान्य नियमों की जानकारी न होने की वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं। इससे 12 से 15 मौतें प्रतिदिन हो रही हैं। सामान्य नियमों की जानकारी नहीं होने की वजह से हो रही इन मौतों से परिवहन नियमों में पाठ्यक्रम में शामिल कर बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि परिवहन अधिकारियों को दुर्घटना के कारणों का पता लगाकर उसे दूर करने के उपाय करने चाहिए। दुर्घटनाओं से व्यापक जनधन की हानि हो रही है। करार पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच अब 199 मार्गों पर 56474 किलोमीटर बसें चलेंगी।

योगी ने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने पर आपसी सछ्वाव, विकास और एक-दूसरे के प्रति राज्यों की भावनाएं बढीं। राष्ट्रीय सम्प्रभुता को मद्देनजर रखते हुए अंतर्राज्यीय संबंधों को भी महत्व मिला। राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बीच अपार संभावनाएं बताते हुए उन्होंने कहा कि इस राज्य का हर नागरिक मेवाड की माटी से संबंध जोड़ना चाहता है। राजस्थान के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों पर जाना चाहता है। उसी तरह राजस्थान का नागरिक काशी और प्रयाग आने के साथ ही अयोध्या में रामलला और मथुरा में कृष्ण का दर्शन करना चाहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारों का काम लोक कल्याण करना है। केवल अपनी सुविधा के लिए काम करना गलत है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बीच हुए करार से दोनों राज्यों के सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे। इससे पहले, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह ने पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार तंज कसते हुए कहा कि पहले कुछ ही जिलों में विकास किया गया। वह बतौर मंत्री 45 जिलों का भ्रमण कर चुके हैं। कुछ चुनिन्दा जिलों के बस स्टेशनों का विस्तार किया गया है, बाकी बस स्टेशनों में बारिश के मौसम में यात्री खड़े नहीं हो सकते। परिवहन विभाग को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया गया था। वह भ्रष्टाचार पर अंकुश और स्वच्छता को लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ रहे हैं।