मिट्टी बचाओ अभियान: आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव ‘सदगुरु'' का CM योगी ने किया स्वागत

punjabkesari.in Wednesday, Jun 08, 2022 - 12:33 PM (IST)

लखनऊ: आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव 'सदगुरु' देश-दुनिया की 30 हजार किलोमीटर से अधिक लंबी यात्रा के बाद अपने 'सेव सॉइल' (मिट्टी बचाओ अभियान) नारे के साथ लखनऊ पहुंचे और मंगलवार को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ एक समारोह में मिट्टी बचाने का मंत्र दिया।

मंगलवार की शाम एलडीए कॉलोनी स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) के सभागार में आयोजित एक समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जग्गी वासुदेव ''सदगुरु ' का स्वागत करते हुए कहा कि 2017 में भी सदगुरु यहां आए थे और उस समय उन्होंने 'रैली फॉर रीवर्स' (नदियों को निर्मल और अविरल बनाने का) का नारा दिया था। योगी ने कहा “ हमें बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि उत्तर प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में सात से अधिक नदियों को पुनर्जीवन दिया गया है।”

आध्यात्मिक गुरु के पर्यावरण के प्रति चलाये जा रहे अभियानों की चर्चा करते हुए योगी ने कहा कि 'रैली फॉर रीवर्स' और 'सेव सॉइल' ये दोनों अभियान उत्तर प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायी हो सकते हैं और “मुझे लगता है कि उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता इस पूरे अभियान के साथ जुड़ेगी।” सदगुरु को भरोसा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “ 30 हजार से अधिक किलोमीटर की यात्रा के बाद आपका लखनऊ आगमन हुआ है और आपने धरती माता के लिए जो चिंता व्यक्त की है वह बहुत सामयिक भी है और वर्तमान के साथ साथ भावी विश्व को बचाने का एक पवित्र अभियान भी है।”

 उन्होंने लोगों को प्रेरित करते हुए कहा, “ हर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराता है, चिकित्सक के पास जाता है लेकिन हम सबके स्वास्थ्य का जो प्रमुख कारक धरती माता हैं, उनके स्वास्थ्य के बारे में हममें से कोई चिंतित नहीं होता है लेकिन हम आभारी हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जिन्होंने देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कार्ड जारी कराया और देश के अंदर हर किसान को नि:शुल्क कार्ड देने के लिए अभियान चलाया।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के साथ सदगुरु स्वयं जुड़ चुके हैं और दुनिया के कई देशों की यात्रा करते हुए उनका भारत में आगमन हुआ है। उन्होंने कहा, “ ये उत्तर प्रदेश की धरती है और उत्तर प्रदेश को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा की दृष्टि से देश का हृदय स्थल भी माना जाता है। यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तर प्रदेश की भूमि को दुनिया की सबसे उर्वरा भूमि माना जाता है।”

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Mamta Yadav