कोडीन सिरप तस्करी का सनसनीखेज खुलासा! दुबई में छिपा शुभम, लुकआउट नोटिस जारी—पिता ने नौकर बनकर लिया था लाइसेंस
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 08:34 AM (IST)
Sonbhadra News: सोनभद्र पुलिस की एसआईटी जांच में कफ सिरप तस्करी के किंगपिन शुभम जायसवाल और उनके पिता भोला प्रसाद के बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। जांच में पता चला कि शुभम ने पिता के नाम पर झारखंड में 'शैली ट्रेडर्स' नाम की फर्म खोली और झारखंड में 10 तथा उत्तर प्रदेश में 100 से अधिक फर्जी फर्मों के जरिए करोड़ों की कफ सिरप तस्करी की।
फर्जीवाड़े का अनोखा खेल: नौकर बनकर लिया लाइसेंस
भोला प्रसाद ने झारखंड के ड्रग्स विभाग को गुमराह करने के लिए खुद को मेडिकल फर्म में सिर्फ 7 हजार रुपये महीना कमाने वाला कर्मचारी बताया। इसी मामूली नौकरी का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बनाकर उसने ड्रग लाइसेंस हासिल किया। वहीं दूसरी तरफ, वह रांची के इंडस्ट्रियल एरिया में सरकारी नियमों के खिलाफ 3 लाख रुपये महीने के किराए पर गोदाम चला रहा था। इस मामले में रांची के हटिया थाने में फर्जीवाड़ा और एनडीपीएस एक्ट के तहत दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं।
झारखंड से यूपी तक फैला फर्जी फर्मों का जाल
जांच में सामने आया है कि शुभम ने अपने नेटवर्क के जरिए झारखंड में देव कृपा, श्रेयसी और मां शारदा जैसी 10 फर्में खोलीं। इन फर्मों के जरिए एबॉट कंपनी की ‘न्यू फेंसिडिल’ कफ सिरप की फर्जी बिक्री दिखाकर बड़े पैमाने पर तस्करी की गई। एसआईटी ने अब कंपनी की हरियाणा स्थित फैक्ट्री से सिरप के उत्पादन और वितरण का पूरा ब्यौरा मांगा है। तस्करी का यह कारोबार सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के सीमावर्ती इलाकों तक फैल चुका था, जिसकी जांच अब ईडी भी कर रही है।
दुबई में शुभम, लुकआउट नोटिस जारी
मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल इस समय दुबई में है। उसे वापस लाने के लिए वाराणसी एसआईटी ने शुभम, दिवेश, अमित जायसवाल और आकाश पाठक के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। इसके अलावा, मामले के अन्य आरोपी विभोर राणा और विशाल राणा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गाजियाबाद पुलिस और एसटीएफ ने उन पर एनडीपीएस एक्ट की नई धाराएं लगाई हैं। इसके कारण हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद अब उनका जेल से बाहर आना मुश्किल हो गया है।
एनडीपीएस एक्ट से कसा शिकंजा
पुलिस ने सुशांत गोल्फ सिटी और गाजियाबाद में दर्ज मामलों में एनडीपीएस एक्ट की सख्त धाराएं जोड़ी हैं। कोर्ट से वारंट की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस एक्ट के लागू होने से आरोपियों की जल्द रिहाई की उम्मीदें लगभग खत्म हो गई हैं। पुलिस का मानना है कि शुभम जायसवाल की गिरफ्तारी के बाद इस सिंडिकेट से जुड़े कई सफेदपोश चेहरों का भी खुलासा हो सकता है, जिन्होंने इस अवैध कारोबार में करोड़ों की काली कमाई की है।

