'आ चल मिटा दें स्याही दिलों की, तू मेरी ईद मना मैं तेरी दीवाली मनाऊ'

punjabkesari.in Wednesday, Dec 02, 2020 - 05:38 PM (IST)

मेरठ: 'गीता' और 'कुरान', दोनों में भाईचारे का संदेश हैं और दोनों में कई समानताएं हैं। या फिर यू कहें कि दोनों ग्रंथों की मूल भावनाओं में कोई अंतर नहीं है। दोनों में प्रेम, सद्कर्मों, और दूसरों की भलाई पर जोर दिया गया है, लेकिन हिंदू और इस्लाम धर्म को मानने वाले कट्टरपंथियों के बीच रार दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कुछ कटटरपंथी अपनी रोटियां सेक रहे हैं। इस बीच मुस्लिम धर्मगुरु जीशान खान सर सैयद मेमोरियल कमेटी के वाइस प्रेसीडेंट ने बहुत बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि लगी है दिलों में जो स्याही आज चल उसे मिटा दें। तू मेरी ईंद मना मैं तेरी दीवाली मनाऊ।

यूपी स्टेट हज कमेटी के पूर्व सदस्य जीशान खान ने कहा कि हिंदुस्तान के टूटते ताने-बाने को बचाने के लिए हम सबको आगे आना होगा। हमे अपने मुल्क की तरक्की के लिए सबसे पहले आगे आना होगा। अपने बच्चों को तालीम देने के लिए पहल करनी होगी। बच्चों को तालीम देने से ही मुल्क की तरक्की होगी। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया की तर्ज पर देश में रह रहे मुस्लिमों को इस्लाम समझना होगा। तभी देश में अमनो-अमन कायम रह सकेगा।

जीशान खान ने कहा कि आज देखने में आ रहा है कि कुछ लोग और फिरकापरस्त ताकतें देश के भाईचारे को तोड़ने की जीतोड़ कोशिश में लगी हैं। यूपी में घटी कुछ घटनाएं इसका उदाहरण हैं। इन घटनाओं में चाहे हाथरस कांड रहा हो या फिर सीएए बिल के दौरान हुई हिंसा। इन सभी घटनाओं के पीछे मौकापरस्त ताकते हैं, जो कि देश और प्रदेश में शांति की विरोधी हैं। इसके लिए हम सभी को कंधे से कंधा मिलाकर आगे आना होगा। तभी हम अपने प्रदेश और देश में शांति स्थापित कर पाएंगे। लगी है दिलों में जो स्याही आज चल उसे मिटा दें। तू मेरी ईंद मना मैं तेरी दीवाली मनाऊ।

Tamanna Bhardwaj