कोच का एसी खराब होने पर यात्रियों ने किया हंगामा

punjabkesari.in Monday, Jul 02, 2018 - 06:31 PM (IST)

इटावाः दिल्ली-हावडा रेलमार्ग पर उत्तर प्रदेश के इटावा जक्शंन स्टेशन पर रविवार को दिल्ली से आई 12554 वैशाली एक्सप्रेस के एक कोच का एसी खराब हो जाने के कारण रेल यात्रियों ने हंगामा करते हुए करीब पचास मिनट तक रेलगाड़ी को रोके रखा।

इटावा के स्टेशन अधीक्षक पूरनमल मीना ने सोमवार को यहां बताया कि रविवार की रात 12 बजकर 40 मिनट पर 12554 वैशाली एक्सप्रेस दिल्ली से आकर रूकी। दो मिनट बाद इस रेलगाड़ी को रवाना किया गया तो डिब्बा नंबर बी 2 के कंपार्टमेंट में एसी नहीं चलने की वजह से यात्रियों ने हंगामा करते हुए ट्रेन को करीब 50 मिनट तक रोके रखा।

वैशाली एक्सप्रेस के रेलयात्रियों के हंगामे के कारण रेलवे की तकनीकी टीम को बुलवाकर एसी को दुरूस्त करने की कोशिश की गई लेकिन इंजीनियर की यहां पर तैनाती नहीं होने के कारण उसको दुरूस्त नहीं कराया जा सका है। फिर रेलगाड़ी को कानपुर में दुरूस्त करने का भरोसा देते हुए रवाना करने की कोशिश की गई लेकिन हंगामा कर रहे रेलयात्री रेलगाड़ी को इटावा में सही करने की जिद कर उसे आगे नहीं बढऩे देना चाहते थे जिस कारण रेलगाड़ी तीन बार रोकी गई। ट्रेन दिल्ली से इटावा होते हुये लखनऊ जा रही थी।

यात्रियों का कहना था कि जब तक एसी को ठीक नहीं किया जाएगा तब तक ट्रेन को नहीं रवाना होने देंगे। ट्रेन को तीन बार ड्राइवर ने चलाया लेकिन यात्रियों ने चेन पुङ्क्षलग कर दी जिससे दिल्ली से हावड़ा जाने वाले मुख्य रेलवे लाइन पर वैशाली एक्सप्रेस के खड़ी रहने के कारण मगध एक्सप्रेस, संगम एक्सप्रेस, ऊंचाहार एक्सप्रेस समेत कई अन्य महत्वपूर्ण रेलगाडियों को पीछे के रेलवे स्टेशनों पर रोकना पड़ा।

मीना ने बताया कि बाद में बड़ी मुश्किल से रेलगाड़ी को रात एक बजकर 30 पर कानपुर में एसी को दुरूस्त करने का भरोसा देने के बाद हंगामा कर रहे रेलयात्रियों ने वैशाली को रवाना होने दिया। उससे पहले कोच के सभी रेल यात्रियों को दूसरे कोच में सिफ्ट कर दिया गया था।

उन्होंने बताया कि अतिमहत्वपूर्ण समझी जाने वाली इस रेलगाड़ी को रोके जाने और हंगामा होने पर आरपीएफ और जीआरपी स्टाफ के अलावा स्टेशन अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद पता चला कि टूंडला के बाद से वैशाली एक्सप्रेस के इस कोच का एसी काम नहीं कर रहा है जिससे भीषण गर्मी में रेलयात्रियों को बेहद परेशानी हुई। 


 

Tamanna Bhardwaj